The fate of the farmers of Abujhmad is changing: अबूझमाड़: छतीसगढ़ के नारायणपुर जिले में अबूझ कहे जाने वाले अबूझमाड़ की तस्वीर अब बदल रही है, अबूझमाड़ की नई तस्वीर और नई सुबह ने यहां के किसानो की तकदीर बदल कर रख दी ,भूपेश सरकार ने यहां के 7728 किसानो को उनके जमीन का मालिकाना हक आजादी के 75 साल बाद दिलवा है। दरअसल मसाहती सर्वे के आधार पर यहां के किसानो की कृषि भूमि का सर्वे किया गया,जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र ओरछा ब्लाक के अबूझमाड़िया जनजाति के किसानो की जमीन का कोई भी दस्तावेज नहीं होने के चलते यहां के किसानो को शासन की किसी भी योजना का लाभ सही ढंग से नहीं मिल पाता था |
पिछड़ी जनजाति के आदिवासियों को उनके वनोपज का दाम नहीं मिल पाता
The fate of the farmers of Abujhmad is changing: नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ का 3904 वर्ग किलोमीटर का इलाका अनसर्वेड है, यहां लाल आतांक के साए के चलते, ये इलाका आज भी दुर्गम है। नक्सली दहशत के चलते आज तक सर्वेहिन् रहा अबूझमाड़ अपनी बदहाली के आसू रोया करता है ,यह इलाका बहुत ही खुबसूरत प्रकृति की गोद में बसा है, यहां अपार खनिज वन सम्पदा का भण्डार है ,यहां पाए जाने वाले वनोपज पूरी दुनियाभर में बहुत बहुउपयोगी माने जाते है, लेकिन यहां के निवास कर रहे देश की विशेष पिछड़ी जनजाति के आदिवासियों को उनके वनोपज का दाम नहीं मिल पाता है।
भूपेश सरकार ने आदिवासियों के हक और हुकूक पर काम किया
The fate of the farmers of Abujhmad is changing: छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने अब यहां के आदिवासियों के हक और हुकूक पर काम किया,अबूझमाड़िया किसानो को कृषि योजना का लाभ दिलवाया ,पहली बार अबूझमाड़ में धान केंद्र खोले गए और और अबुझमाड़िया किसानो का धान समर्थन मूल्य में खरीदा गया ।साथ ही वन अमले के द्वारा समर्थन मूल्य में वनोपज की खरीदी कर वनोपज का सही दाम दिलवाया अब अबुझमाड़िया किसान खुश नजर आ रहा है |
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ककसाड़ और मांदरी नृत्य पूरी दुनिया में है प्रसिद्ध
The fate of the farmers of Abujhmad is changing: नारायणपुर जिले का अबुझमाड़ अपनी आदिम संस्कृति और अपनी आदिम रीती रिवाजो के नाम से पूरी दिया में विख्यात है, यहां की ककसाड़ और मांदरी नृत्य ,धुन ने पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया। देश में विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा प्राप्त अबुझमाडिया जनजाति के आदिवासियों को छतीसगढ़ की भूपेश सरकार ने शासन की योजनाओं का लाभ दे कर उन्हें उनका हक दिलवाया है। अब हर अबुझमाडिया ग्रामीण भूपेश सरकार से जुड़कर समाज की मुख्यधारा में अपने आप को महसूस कर रहा है, और जय भूपेश सरकार कहकर धन्यवाद जाता रहा है |