Ambedkar Jayanti 2023:Interesting things related to the life of Baba Saheb

Ambedkar Jayanti 2023 : स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती है आज, जानें बाबा साहेब के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें

स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती है आज:Interesting things related to the life of Baba Saheb...

Edited By :   Modified Date:  April 14, 2023 / 08:34 AM IST, Published Date : April 14, 2023/8:34 am IST

Ambedkar Jayanti 2023 : नई दिल्ली। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। जिसके रचियता हमारे देश के प्रथम कानून मंत्री बाबा भीमराव अंबेडकर है। आज उनकी 132वीं जयंती है। जो प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को मनाई जाती है। आंबेडकर जयंती को समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। वहीं इस जयंती को मनाने के पीछे एक वजह और भी है। भीमराव आंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा था, जो जाति और धर्म की परवाह न करते हुए सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है।

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Ambedkar Jayanti 2023 : भीमराव अंबेडकर का जन्म मऊ, मध्य प्रदेश में हुआ था। “बाबा साहेब” के नाम से जाने जाते आंबेडकर को विश्व एक दलित राजनीतिक नेता और भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार के तौर पर पहचाना जाता है। बाबासाहेब का जन्म एक गरीब अस्पृश्य परिवार मे हुआ था। एक अस्पृश्य परिवार में जन्म लेने के कारण उन्हें सारा जीवन नारकीय कष्टों में बिताना पड़ा।

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बाबा साहब के जीवन से जुडी रोचक बातें

 

बाबासाहेब कहते थे, मैं ऐसे धर्म को मानता हू जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है।

-उनका विचार था कि जीवन लम्बा होने के बजाय महान होना चाहिए।

-आंबेडकर अपने पिता-माता रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की 14वीं व अंतिम संतान थे।

-डॉ. आंबेडकर को भारतीय बौद्ध भिक्षुओं ने बोधिसत्व की उपाधि प्रदान की है, हालांकि उन्होने खुद को कभी भी बोधिसत्व नहीं कहा।

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-अम्बेडकर के पूर्वज लंबे समय तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में कार्यरत थे। उनके पिता भारतीय सेना की मऊ छावनी में सेवा में थे और यहां काम करते हुए वह सूबेदार के पद तक पहुंचे थे।

-स्कूली पढ़ाई में सक्षम होने के बावजूद आंबेडकर और अन्य अस्पृश्य बच्चों को विद्यालय मे अलग बिठाया जाता था। उनको कक्षा के अन्दर बैठने की अनुमति नहीं थी, साथ ही प्यास लगने प‍र कोई ऊंची जाति का व्यक्ति ऊंचाई से पानी उनके हाथों पर पानी डालता था, क्योंकि उनको न तो पानी, न ही पानी के पात्र को स्पर्श करने की अनुमति थी।

-अपने सभी भाइयों और बहनों में केवल बाबासाहेब ही स्कूल की परीक्षा में सफल हुए और इसके बाद बड़े स्कूल मे जाने में सफल हुए।

-अपने एक ब्राह्मण शिक्षक महादेव अम्बेडकर जो उनसे विशेष स्नेह रखते थे के कहने पर अम्बेडकर ने अपने नाम से सकपाल हटाकर अम्बेडकर जोड़ लिया जो उनके गांव के नाम “अंबावडे” पर आधारित था।

-अम्बेडकर की सगाई हिंदू रीति के अनुसार एक नौ वर्षीय लड़की रमाबाई से तय हुई थी। शादी के बाद उनकी पत्नी ने अपने पहले बेटे यशवंत को इसी वर्ष जन्म दिया।

1948 से अम्बेडकर मधुमेह से पीड़ित थे। जून से अक्टूबर 1954 तक वो बहुत बीमार रहे इस दौरान वो कमजोर होती दृष्टि से ग्रस्त थे। राजनीतिक मुद्दों से परेशान अम्बेडकर का स्वास्थ्य बद से बदतर होता चला गया और 1955 के दौरान किए गए लगातार काम ने उन्हें तोड़ कर रख दिया।

 

 

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