नई दिल्ली । भारतीय राजनीति में सुमित्रा महाजन एक बड़ा नाम है। अपने लंबे चौड़े राजनीतिक करियर में सुमित्रा महाजन ढेर सारे उच्च पदों पर आसीन रही। वे भारत एक ऐसी महिला रही जिन्होंने कई बार देश का नेतृत्व किया। सुमित्रा महाजन की गिनती एक सम्मानित वक्ता और राजनीतिज्ञ के रुप में होती है। सुमित्रा महाजन भारतीय राजनेत्री एवं भारत के सोलहवीं लोकसभा की अध्यक्ष थीं। वे इस पद पर आसीन होने वाली भारत की दूसरी महिला हैं । वे भारत के इन्दौर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सोलहवीं लोक सभा में सांसद हैं।
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हर किसी के बस में नहीं सुमित्रा महाजन बनना
सुमित्रा महाजन ने एक बार नहीं बल्कि लगातार आठ बार इंदौर क्षेत्र से जीत दर्ज की। साल 2002 में अटल बिहारी सरकार में वह राज्यमंत्री रहीं। बाद में साल 2014 में मोदी सरकार में लोकसभा अध्यक्ष बनीं। इसके बाद साल 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला लिया।
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ऐसा रहा राजनीतिक करियर
वर्ष 1982 में पहली बार सुमित्रा ताई इंदौर नगर निगम में उपमहापौर बनी थीं। इसके बाद राजनीति में उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। सुमित्रा महाजन निरंतर इंदौर लोकसभा क्षेत्र से आठ बार जीत हासिल कर चुकी हैं। उन्होंने 1989 में अपने ससुराल इंदौर से पहली बार चुनाव लड़ा था। तब पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रकाश चंद्र सेठी को उनसे हार का सामना करना पड़ा था। मराठी परिवार से ताल्लुक होने के चलते सुमित्रा महाजन की मराठी वोटों पर अच्छी पकड़ रही है। सुमित्रा महाजन प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 1999 से 2004 तक राज्यमंत्री रहीं। वे इंदौर संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी की सांसद हैं। वे यहां से लगातार आठवीं बार सांसद बनी हैं, जो किसी भी महिला सांसद के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। सुमित्रा महाजन इंदौर में पहले बहू, फिर बेटी और अब ‘सुमित्रा ताई’ (बहन) के नाम से जानी जाती हैं।
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