Best Gift for Raksha Bandhan: रक्षा बंधन पर बहन ने भाई को दिया दुनिया का सबसे कीमती तोहफा, जान बचाने दान कर दिया लिवर का हिस्सा | best gift for raksha bandhan for brother

Best Gift for Raksha Bandhan: रक्षा बंधन पर बहन ने भाई को दिया दुनिया का सबसे कीमती तोहफा, जान बचाने दान कर दिया लिवर का हिस्सा

रक्षा बंधन पर बहन ने भाई को दिया दुनिया का सबसे कीमती तोहफा, जान बचाने दान कर दिया लिवर का हिस्सा! best gift for raksha bandhan for brother

Edited By :   Modified Date:  August 29, 2023 / 01:21 PM IST, Published Date : August 29, 2023/1:21 pm IST

मुंबई: best gift for raksha bandhan for brother पूरे देश में कल भाई और बहन के प्यार का त्योहार रक्षा बंधन मनाया जाएगा। इस अवसर पर बहनें भाइयों की कलाइयों में राखी बांधकर रक्षा का वचन लेती है। वहीं भाई इस अवसर पर अपनी बहन को वचन के साथ कुछ तोहफा भी देता है। लेकिन मुंबई में एक बहन ने अपने भाई को ऐसा तोहफा दिया है जिसे वो जिंदगी भर नहीं भूल सकता। बहन अगर ये तोहफा न देती तो शायद उसके भाई की ये आखिरी राखी होती। तो चलिए जानते हैं कि बहन ने कैसे भाई की जान बचाकर रक्षा बंधन का तोहफा दिया।

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best gift for raksha bandhan for brother एक नामी मीडिया संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक, 17 साल का राहुल ऑटोइम्यून लिवर सिरोसिस से जूझ रहा था। उसे लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत थी। ऐसे में उसकी बहन नंदिनी ने उसे रक्षाबंधन से पहले जीवन का असाधारण उपहार देने का फैसला किया। नंदिनी ने अपने भाई के इलाज के लिए लिवर का एक हिस्सा दान कर दिया। बाद में इसे नवी मुंबई में स्थित लिवर ट्रांसप्लांटेशन एंड HPB सर्जरी, मेडिकवर हॉस्पिटल्स के डायरेक्टर डॉ. विक्रम राउत के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने ट्रांसप्लांट किया। डॉ. राउत ने बताया, ‘ऑटोइम्यून लिवर संबंधी रोग है। इसमें रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली लिवर कोशिकाओं के खिलाफ काम करने लगती है। अगर शुरुआती दौर में इसका पता चल जाए तो दवाओं से इलाज किया जा सकता है। हालांकि, जब यह बाद के चरण में पहुंच जाता है तो ट्रांसप्लांट कराना पड़ता है।’

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हो सकती थी आखिरी राखी

डॉ. राउत ने बताया कि राहुल के मामले में देखा जाए तो इस बीमारी की पहचान देर से हो पाई। उसे बार-बार ब्लिडिंग और पीलिया जैसी समस्याएं थीं। इसे देखते हुए डॉक्टर्स ने उसे लिवर ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘राहुल की मां में HbsAg पॉजिटिव पाया गया। इसलिए उन्हें दाता के रूप में अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद उसकी 21 साल की बहन नंदिनी पाटिल आगे आई। नंदिनी को जांच के बाद इसके लिए योग्य पाया गया। वह भी पीछे नहीं हटी और राखी गिफ्ट के तौर पर लिवर का एक हिस्सा देने का फैसला किया।’

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बहन ने दिया जीवनदान

डॉक्टर का कहना था कि अगर राहुल के इलाज में और देरी होती तो उसकी जान जा सकती थी। हालांकि, नंदिनी का लिवर उसके भाई से पूरी तरह मेल खाता था, इसलिए उसने निडर होकर अपने भाई को बचाने के लिए दान कर दिया। यह परिवार वित्तीय परेशानियों से भी जूझ रहा था। ये लोग ट्रांसप्लांट का खर्च उठाने में असमर्थ थे। ऐसे में अस्पताल और धर्मार्थ संगठनों ने राहुल के प्रत्यारोपण का खर्च उठाने का फैसला किया। ट्रांसप्लांट के बाद नंदिनी ने कहा, ‘मेरा भाई मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मुझे बहुत खुशी है कि मैंने उसे रक्षाबंधन पर बेशकीमती उपहार दिया। मैं अपने भाई को दूसरा जीवन देने के लिए डॉक्टरों की आभारी हूं, जो अब अपने सपनों को पूरा कर सकता है।’

 

 

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