कैंसर का नाम सुनते ही आदमी कांप जाता है ऐसे में वह मन से दुखी होने लगता है। उसे जीवन के प्रति उदासीनता घेरने लगती है ऐसे में योग ऐसा माध्यम है जिससे कैंसर रोगियों के मन और शरीर का उपचार योग की मदद से किया जा सकता है। आपको बता दें कि योग ऐसा माध्यम है जो थकान और सूजन को कम करने में मदद करता है। कई अध्ययनों के अनुसार, कैंसर से ग्रस्त मरीजों के लिए योगा शारीरिक और भावनात्मक तरह से उपचार करने के साथ इलाज के दौरान और बाद में जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है।
यूनिवर्सिटी ऑल टेक्सास एंडरसन कैंसर सेंटर के शोधकर्ताओं ने पाया कि योग स्तन कैंसर के लिए विकिरण चिकित्सा के दौर से गुजर रहीं महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है। योग के जरिये महिलाओं ने थकान कम करने के अलावा, अपने समग्र स्वास्थ्य और शारीरिक कामकाज में सुधार के साथ ही तनाव हार्मोंन कोर्टिसोल के कम स्तर का भी अनुभव किया। इसके बाद के लाभ महत्वपूर्ण हैं क्योंकि दिन भर में उच्च तनाव हार्मोन का स्तर स्तन कैंसर के परिणामों को खराब कर सकता है।
बंगलौर में स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान में भारत के सबसे बड़े योग अनुसंधान संस्थान के साथ मिलकर आयोजित किए अध्ययन, जिसमें 3 स्तन कैंसर के स्तर के साथ 163 महिलाओं को शामिल किया गया। जिसमें महिलाओं की औसत उम्र 52 साल थी, और वह बेतरतीब ढंग से योग समूहों, सरल स्ट्रेचिंग या न करने वाले वाले ग्रुप में बांटा गया। योग और स्ट्रेचिंग सेशन को प्रति सप्ताह मे तीन बार एक घंटे के लिए समय लिया।
सूजन और थकान में कमी
अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के मनोरोग और मनोविज्ञान के प्रोफेसर जेनिस कीकाल्ट-ग्लासेर के अनुसार, कुछ महीनों तक नियमित योगाभ्यास से स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं को काफी लाभ मिल सकता है। यही नहीं यह थकान और सूजन से पीड़ितों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि सूजन को गठिया, मधुमेह, हृदय रोग, कैंसर सहित कई बीमारियों से जुड़ा हुआ पाया जाता है।
वेब डेस्क IBC24
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