#FaceToFaceMadhyaPradesh: 6 सीटों की बिसात.. किन मुद्दों पर शह-मात? मतदाताओं को लुभाने में कौन रहा कितना असरकारक...? | #FaceToFaceMadhyaPradesh | Lok Sabha Election 2024

#FaceToFaceMadhyaPradesh: 6 सीटों की बिसात.. किन मुद्दों पर शह-मात? मतदाताओं को लुभाने में कौन रहा कितना असरकारक…?

#FaceToFaceMadhyaPradesh | Lok Sabha Election 2024: 6 सीटों की बिसात.. किन मुद्दों पर शह-मात? मतदाताओं को लुभाने में कौन रहा कितना असरकारक...?

Edited By :   Modified Date:  April 17, 2024 / 09:48 PM IST, Published Date : April 17, 2024/9:48 pm IST

#FaceToFaceMadhyaPradesh: भोपाल। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में जिन 102 सीटों पर मतदान होने वाला है कि उनमें मध्यप्रदेश की 6 सीटें भी शामिल हैं। इन 6 सीटों पर भी आज शाम प्रचार का चुनावी शोर थम गया। चुनावी माहौल बनाने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेताओं के दौरे हुए और दोनों दलों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। मतदाताओं को लुभाने में कौन कितना सफल रहा और किसके मुद्दे कितने असरकारक रहे। इस पर हम अगले आधे घंटे चर्चा करेंगे।

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सात चरणों में होने जा रहे लोकसभा चुनाव के पहले चरण में आने वाली 102 सीटों के लिए प्रचार अभियान भले थम गया है। लेकिन बाकी बची सीटों के लिए घमासान अपने चरम पर पहुंच चुका है। चुनाव प्रचार भले उफान पर है लेकिन इस चुनाव में बुनियादी मुद्दों की कोई लहर अब तक उठती नहीं दिखी है। मध्यप्रदेश के पहले चरण में शामिल 6 सीटों छिंदवाड़ा, बालाघाट, जबलपुर, मंडला, सीधी, शहडोल पर भी कुछ यही स्थिति नजर आई है। पूरा प्रचार अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे और उनकी गारंटी के अलावा भाजपा के भावनात्मक चुनावी मुद्दों के इर्द-गिर्द सिमटा नजर आया।

मध्यप्रदेश के पहले चरण की 6 सीटों में भी भाजपा ने अपने प्रचार अभियान की थीम विकास के अलावा हिंदुत्व, राष्ट्रवाद पर केंद्रित रखी। मतदान से दो दिन पूर्व रामनवमी आयोजन से बने माहौल के जरिए भाजपा ने राम मंदिर निर्माण के श्रेय को तो भुनाया ही साथ ही समान नागरिक संहिता का दांव चलकर एक बार फिर कांग्रेस की घेराबंदी कर डाल डाली। भाजपा के लिए उसके भावनात्मक मुद्दे की अहमियत उसके संकल्प पत्र से भी समझी जा सकती है। वन नेशन-वन इलेक्शन का संकल्प भी भाजपा की सोचीसमझी दूरगामी रणनीति का हिस्सा है। भाजपा ने यूसीसी के बाद वन नेशन-वन इलेक्शन का मुद्दा उठाकर कांग्रेस को मुश्किल में तो डाल ही दिया है।

अंतर्कलह और विखराव से जूझती कांग्रेस के सामने असली चुनौती भाजपा के इन भावनात्मक मुद्दों का सामना करने की है। कांग्रेस के लिए मुश्किल ये है कि वो अपनी लाख कोशिश करने के बाद भी बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे को चुनावी विमर्श नहीं बना सकी। उल्टा UCC और वन नेशन-वन इलेक्शन जैसे मुद्दों पर अपनी अलग राह अपना कर वो भाजपा की मनचाही मुराद ही पूरी करती दिखी। IBC24 के ऑनलाइन सर्वे में भी ये बात उभर कर सामने आई कि आम जनमानस UCC और वन नेशन-वन इलेक्शन से इत्तेफाक रखती है और इन दोनों मुद्दों को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानती हैं।

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#FaceToFaceMadhyaPradesh: हालांकि कांग्रेस का दावा है कि भाजपा भावनात्मक मुद्दों को भुनाने की लाख कोशिश कर ले लेकिन जनता इस बार बुनियादी मुद्दों पर वोट डालकर भाजपा के मंसूबों को ध्वस्त कर देगी। बहरहाल भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के दावों-प्रतिदावों के बीच मध्यप्रदेश में पहले चरण का प्रचार अभियान थम चुका है। वास्तव में जनता ने किसके वादों पर भरोसा किया इसकी अभिव्यक्ति तो वे 19 अप्रैल को ईवीएम मशीन का बटन दबाकर करने ही वाले हैं।

 

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