Right to Repair in India: 'राइट टू रिपेयर'

‘राइट टू रिपेयर’ कानून लाने की तैयारी में सरकार, जानें आपको कैसे होगा फायदा

Right to Repair in India: 'राइट टू रिपेयर' कानून लाने की तैयारी में सरकार, जानें आपको कैसे होगा फायदा, नया खरीदने को मजबूर नहीं कर सकतीं कंपनियां

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : July 16, 2022/10:54 am IST

Right to Repair in India: आज तक आपने राइट टू इन्फॉर्मेशन, राइट टू एडिकेशन जैसे कई राइट्स के बार में सुना होगा लेकिन सरकार अब राइट टू रिपेयर लाने की तैयारी में है। इसमें ग्राहक यदि मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप, कार-बाइक या ट्रैक्टर के साथ मोबाइट इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल और कृषि उपकरण खुद या मैकेनिक से ठीक कराते है तो अब इन सब की वारंटी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कस्टमर्स की सुविधा के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने ‘राइट टू रिपेयर’ कानून पर काम करना शुरू कर दिया है। यह कस्टमर्स को एक अपने खराब सामान को बनाने में मदद करेगा। केंद्र सरकार एसी, फ्रिज, जैसे कंज्यूमर ड्यूरेवल्स, गैजेट्स और कार कंपनियों की मनमानी खत्म करने के लिए राइट टू रिपेयर कानून बनने जा रहे है। इससे ग्राहकों को अपने उपकरणों के रिपेयर, गारंटी-वारंटी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<<

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सरकार जल्द लाएगी कानून

Right to Repair in India: सरकार इस कानून पर लगातार काम कर रही है। उपभोक्ता विभाग ने इसके लिए एक समिति का गठन किया है। इस पैनल की पहली बैठक 13 जुलाई 2022 को हो चुकी है। इस कानून में मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट, ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल उपकरण आदि कई चीजें शामिल है। इस कानून के जरिए सरकार पुरानी चीजों को हटाने की संस्कृति को बदलना चाहती है।

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क्या है ‘राइट टू रिपेयर’?

Right to Repair in India: अभी ग्राहको को मोबाइल, कार  की रिपेयरिंग कंपनी के सर्वीस सेंटर से ही करानी होती है। बाहर से रिपेयरिंग कराने पर इसकी वारंटी खत्म हो जाती है। लेकिन राइट टू रिपेयर कानून लागू पर सा नहीं होगा। मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों के प्रोडक्ट्स की जानकारी ग्राहको को देनी होगी, जिससे वे कहीं भी इन प्रोडक्ट्स को रिपेयर करा सकेंगे। उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति का लैपटॉप, मोबाइल आदि चीजें खराब हो जाती है तो ऐसी स्थिति में वह इसे ठीक करने के लिए वह किसी सर्विस सेंटर में ले जाता है तो ‘राइट टू रिपेयर’ के तहत उस सर्विस सेंटर को उस गैजेट को ठीक करके देना होगा। वह उसे यह कहकर ठीक करने मना नहीं कर सकता कि वह पार्ट पुराना हो गया है और उसे अब रिपेयर नहीं किया जा सकता। ऐसे में कंपनी ग्राहक को नया सामान खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है। राइट टू रिपेयर कानून के तहत कंपनी ग्राहकों के पुराने सामान को रिपेयर करने से मना भी नहीं कर सकती।

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ग्राहकों को होगा फायदा

Right to Repair in India: मार्केट में नए गैजेट्स आने की वजह से पुराने पार्टस मिलना बंद हो जाते है। ऐसे में ग्राहक को मजबूरन रिपेयर चार्ज देने कि जगह नया सामान खरीदने को मजबूर हो जाता है और उसे नए सामान का भुगतान करना पड़ता है। ऐसे में कस्टमर पर वित्तीय बोझ बढ़ता है। रिट टू रिपेयर लागू होने के बाद कंपनियों को किसी सामान के नए पार्ट्स के साथ पुराने पार्ट्स भी रखने होंगे। इसके साथ ही यह कंपनी की जिम्मेदारी होगी कि वह पुराने पार्ट्स को बदलकर खराब सामान को ठीक करके दे। इसे ग्राहकों को मजबूरी में नए प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए मजबूर नहीं होगा जिसका असर जेब पर भी पड़ेगा।

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इन उत्पादों पर मिलेगा अधिकार

Right to Repair in India: राइट टू रिपेयर के लिए गठित समिति ने मरम्मत के अधिकार के लिए जिन उत्पादों को जगह मिली है उसमें खेती के उपकरण, मोबाइल फोन, टेबलेट, कन्जयूमर ड्यूरेवल्स, ऑटोमोबाइल्स शामिल हैष सरकार इन उपकरणों का मरम्मत नहीं होने से लगातार बढ़ रहें ई-कचरा या ई-वेस्ट को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। साथ ही लोग भी नया गैजेट खरीदने को मजबूर नहीं होंगे जिससे ग्राहकों के पैसे बचेंगे।

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इन देशों में है ये कानून

Right to Repair in India: अमरीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और यूपोपियन यूनियन के कई देशों में पहले से ही उपभोक्ताओं को मरम्मत का अधिकार है। अमरीका मेंग्राहक चाहे तो खुद मरम्मत का काम कर सकते है। या किसी तीसरे पक्ष की एजेंसी से काम करा सकते हा। सा करने पर उत्पादों की गारंटी-वारंटी खत्म नहीं होती।

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