मप्र : न्यायिक हिरासत में आदिवासी व्यक्ति की मौत, थाने पर पथराव के बाद खरगोन जिले के पुलिस अधीक्षक हटाए गए |

मप्र : न्यायिक हिरासत में आदिवासी व्यक्ति की मौत, थाने पर पथराव के बाद खरगोन जिले के पुलिस अधीक्षक हटाए गए

मप्र : न्यायिक हिरासत में आदिवासी व्यक्ति की मौत, थाने पर पथराव के बाद खरगोन जिले के पुलिस अधीक्षक हटाए गए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : September 12, 2021/7:16 pm IST

भोपाल, 12 सितंबर (भाषा) मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में न्यायिक हिरासत में 35 वर्षीय एक आदिवासी व्यक्ति की पांच दिन पहले हुई मौत और इसके विरोध में बिस्टान थाने पर भीड़ द्वारा किए गए पथराव की घटना के बाद राज्य सरकार ने रविवार को जिला पुलिस अधीक्षक को हटा दिया।

बिसन नाम के इस व्यक्ति को चार सितंबर को बिस्टान पुलिस ने 11 अन्य लोगों के साथ खरगोन जिले के खेरकुंडी गाँव में लूट और डकैती के मामले में गिरफ्तार किया था। उसे खरगोन उप-जेल में रखा गया था जहां सात सितंबर को तड़के करीब दो बजे उसकी मौत हो गई थी।

उसकी मौत से गुस्साए करीब 100 से अधिक आदिवासियों की भीड़ ने सात सितंबर की सुबह खरगोन जिले के बिस्टान थाने का घेराव कर इसपर पथराव किया था जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए थे। बिस्टान थाना खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर है।

इस घटना के बाद प्रदेश सरकार ने सात सितंबर की शाम चार पुलिसकर्मियों और एक जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया था। जिन चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है, उनमें एक उपनिरीक्षक, एक प्रधान आरक्षक और दो आरक्षक शामिल हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को बयान जारी कर कहा, ‘‘पिछले दिनों खरगोन जिले के बिस्टान में हुई घटना में एक युवक की मृत्यु हो गई थी। हमने पहले ही कुछ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। लेकिन मामले में सही निगरानी न होने के कारण हमने खरगोन पुलिस अधीक्षक (शैलेन्द्र सिंह चौहान) को भी हटाने का फैसला लिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘घटना की न्यायिक जांच हो रही है। न्यायिक जांच के आधार पर जो तथ्य आएंगे, उन तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे। ऐसी हर घटना को हम गंभीरता से लेते हैं।’’

इस मामले में प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सीबीआई जांच कराने मांग की है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि बिसन की मौत पुलिस प्रताड़ना से हुई।

भाषा रावत नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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