मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने ‘‘ एक देश एक कानून ’’ के पक्ष में लिया संकल्प |

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने ‘‘ एक देश एक कानून ’’ के पक्ष में लिया संकल्प

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने ‘‘ एक देश एक कानून ’’ के पक्ष में लिया संकल्प

:   Modified Date:  June 10, 2023 / 11:12 PM IST, Published Date : June 10, 2023/11:12 pm IST

भोपाल, 10 जून (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने भोपाल में आयोजित एक सत्र में ”एक देश, एक कानून” के पक्ष में संकल्प लिया है।

यहां शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि मंच ने मुसलमानों से विश्व योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने की भी अपील की और कहा कि योग भारत की प्राचीन सांस्कृतिक पहचान है और यह देश का ‘गौरव’ है।

विज्ञप्ति में एमआरएम के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद के हवाले से चार दिवसीय ‘अभ्यास वर्ग’ या विचार-मंथन सत्र के तीसरे दिन कहा गया कि मंच का मानना है कि पूरी दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जो एक कानून से संचालित न हो। इसलिए, हमें अपनी विविधता की प्रशंसा करते हुए ‘एक राष्ट्र, एक कानून’ के विचार को कायम रखते हुए एक उदाहरण स्थापित करना होगा।

उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवियों के बीच चर्चा के बाद मंच ने प्रस्ताव (अभ्यास वर्ग में पारित) में स्पष्ट रूप से कहा है कि एक देश, एक कानून सभी की रक्षा, सम्मान और सभी को स्वीकार करेगा। जिन लोगों को इस बारे में कोई शंका हो उन्हें घबराना नहीं चाहिए।

उन्होंने अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी और मुस्लिम देशों का उदाहरण देते हुए बुद्धिजीवियों से पूछा कि क्या उन्होंने इन देशों में अलग-अलग कानून देखे हैं।

उन्होंने कहा कि यहां तक कि उन देशों के मुसलमानों को भी (एक कानून से) कोई आपत्ति नहीं है। मुसलमान उन देशों में देश के कानून का पालन करते हैं।

सईद ने कहा, ‘तो फिर भारत में ही ऐसा क्यों है कि मुसलमानों को इसके बारे में (कानून पर) संदेह या शंका है? वास्तव में, भारत में तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने सदियों से मुसलमानों को डर में रखा है।’

उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान आपसी सौहार्द और ‘राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भारतीय मुसलमानों’ सहित अन्य विषयों पर भी चर्चा हुई।

मंच के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद अख्तर ने कहा कि भारतीय मुसलमानों को धोखा देने वाले लोगों को समझना चाहिए कि वे हिंदुस्तानी थे और रहेंगे।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुसलमानों को विश्व योग दिवस के कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए, जिसे अन्य देशों में भी मनाया जाता है।

इसमें कहा, ‘यह (योग) भारत की प्राचीन सांस्कृतिक पहचान है और आज पूरी दुनिया इसके महत्व को समझ रही है। यह हमारे देश के लिए गर्व की बात है।’

उन्होंने कहा कि योग विज्ञान का हिस्सा बन गया है और यह महज एक व्यायाम नहीं है।

भाषा दिमो धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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