इंदौर (मध्यप्रदेश), 17 मई (भाषा) भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को कहा कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद सरीखे धार्मिक मसले उनकी पार्टी नहीं, बल्कि जनता उठा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आम लोगों को केंद्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकारों से अपेक्षा है कि वे ऐसे मसलों का उचित निराकरण कर सकती हैं।
विजयवर्गीय ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर भाजपा के किसी कार्यकर्ता ने अदालत में मुकदमा दायर नहीं किया है। यह मुकदमा उस आम नागरिक ने दायर किया है जिसके मन में भगवान शिव के प्रति गहरी श्रद्धा है।’’
उन्होंने अपनी बात में जोड़ा, ‘‘यह किसी पार्टी विशेष का एजेंडा नहीं है। यह जनता का एजेंडा है।’’
विजयवर्गीय से विपक्षी दलों के इस आरोप पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी कि सत्तारूढ़ भाजपा ज्ञानवापी मस्जिद विवाद सरीखे धार्मिक मसलों को तूल देकर महंगाई और बेरोजगारी की बुनियादी समस्याओं से जनता का ध्यान हटाना चाहती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकारों से जनता को विवादों के उचित निराकरण की अपेक्षा है और ‘‘आम लोग कांग्रेस की सरकारों से इस तरह की अपेक्षा नहीं रखते।’’
विजयवर्गीय के मुताबिक जनता को लगता है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के संज्ञान में वे अत्याचार लाए जा सकते हैं जो गुलामी के दौर में देश पर किए गए थे।
मध्यप्रदेश के धार स्थित भोजशाला के मंदिर-मस्जिद विवाद पर भाजपा महासचिव ने कहा, ‘‘ऐसा कोई भी विवाद हो, हमारा मानना है कि इसमें किसी भी प्रकार का टकराव नहीं होना चाहिए और बेहतर होगा कि संबंधित पक्ष आपस में मिल-बैठकर ऐसे मसले सुलझा लें।’’
उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश के आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा के उम्मीदवारों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 27 प्रतिशत से ज्यादा नेता शामिल होंगे और पार्टी इस समुदाय को उसका जायज हक देगी।
भाषा हर्ष अर्पणा
अर्पणा
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