मुंबई में हड़ताल के कारण बेस्ट की 163 मिनी बसें सड़कों से नदारद रहीं |

मुंबई में हड़ताल के कारण बेस्ट की 163 मिनी बसें सड़कों से नदारद रहीं

मुंबई में हड़ताल के कारण बेस्ट की 163 मिनी बसें सड़कों से नदारद रहीं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : May 17, 2022/8:38 pm IST

मुंबई, 17 मई (भाषा) बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) ने मंगलवार को कहा कि वेतन का भुगतान नहीं किये जाने के विरोध में ठेकेदारों से संबंधित कर्मचारियों द्वारा अचानक आयोजित हड़ताल के कारण 275 मिनी बसों में से कम से कम 163 सड़कों से नदारद रहीं।

गौरतलब है कि एक महीने से भी कम समय में यह दूसरा मौका है जब चालकों द्वारा अचानक हड़ताल बुलायी गयी है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इससे पहले, वेतन में देरी को लेकर 22 अप्रैल को चालकों के अचानक हड़ताल पर चले जाने के कारण 275 मिनी बसें सड़कों से नदारद रहीं थीं।

बेस्ट के प्रवक्ता मनोज वरदे ने कहा कि कर्मचारियों के हड़ताल के कारण एमपी ग्रुप की 275 मिनी बसों में से केवल 112 बसों का परिचालन किया गया ।

वरदे ने कहा, ‘‘यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा से बचाने के लिए बेस्ट ने अन्य डिपो से अपनी बसों का परिचालन किया । उन्होंने कहा कि 94 अतिरिक्त बसों को सड़कों पर उतारा गया ।’’

बेस्ट के अनुसार, यह कोलाबा, वडाला, बांद्रा, कुर्ला और विक्रोली डिपो से मिनी बसों का संचालन करता है। इनमें से बांद्रा, विक्रोली और कुर्ला डिपो में परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ क्योंकि दिन में वहां से क्रमश: केवल दो, पांच और 11 मिनी बसों का परिचालन किया गया।

वरदे ने कहा कि अनुबंध के नियमों और शर्तों के अनुसार, निजी ऑपरेटर के खिलाफ 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, क्योंकि वह बसों का संचालन करने में विफल रहा।

इस बीच, एमपी ग्रुप के एक ड्राइवर ने बताया कि वडाला और कोलाबा डिपो के ऑपरेटरों ने हड़ताल में भाग नहीं लिया, क्योंकि उनकी कंपनी ने देरी से वेतन देने के लिए 18 मई की समय सीमा दी है, ऐसा नहीं करने पर वे हड़ताल पर चले जाएंगे।

घाटे में चल रहे उपक्रम ने निजी बसों को वेट लीज पर किराए पर लिया है, जिसमें निजी संचालक बसों के लिए ड्राइवर उपलब्ध कराते हैं और वाहनों का रखरखाव करते हैं।

बेस्ट मुंबई के लिए सार्वजनिक बस सेवा प्रदान करता है। यह लगभग 3,500 बसों के अपने बेड़े के साथ 30 लाख से अधिक यात्रियों को यात्रा सुविधा मुहैया कराता है, जिनमें निजी ठेकेदारों से किराए पर ली गई बसें भी शामिल हैं।

भाषा रंजन उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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