यूक्रेन से पड़ोसी देशों में पहुंच रहे छात्रों की मदद कर रहा है स्वयंसेवकों का एक समूह |

यूक्रेन से पड़ोसी देशों में पहुंच रहे छात्रों की मदद कर रहा है स्वयंसेवकों का एक समूह

यूक्रेन से पड़ोसी देशों में पहुंच रहे छात्रों की मदद कर रहा है स्वयंसेवकों का एक समूह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:49 PM IST, Published Date : March 3, 2022/7:18 pm IST

नागपुर (महाराष्ट्र), तीन मार्च (भाषा) भारत में स्वयंसेवकों का एक समूह युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने में मदद करने के वास्ते वहां उनसे संपर्क करने के लिए सोशल मीडिया मंच का इस्तेमाल कर रहा है।

‘द प्लेटफॉर्म’ करीब 20 स्वयंसेवकों का एक समूह है जो शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है। उसके सदस्य राजीव खोबरागडे ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि समूह हंगरी, रोमानिया और पोलैंड में रह रहे भारतीयों के नेटवर्क तक पहुंच रहा है।

उन्होंने बताया कि यूक्रेन से सीमा पार कर इन देशों में पहुंचने वाले छात्र कड़कड़ाती ठंड और आवास एवं भोजन की कमी से जूझ रहे हैं। कुछ लोग ऐसे मौसम में शिविरों में रह रहे हैं जब तापमान शून्य से छह डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया है। वे संपर्क की समस्याओं से भी जूझ रहे हैं क्योंकि यूक्रेन में खरीदे गए सिम कार्ड्स कई बार पड़ोसी देश में काम नहीं करते हैं।

खोबरागडे ने कहा, ‘‘हमने रोमानिया, पोलैंड और हंगरी से स्थानीय लोगों और स्वयंसेवकों के साथ व्हाट्सऐप पर कई समूह बनाए हें।’’

उन्होंने बताया कि भारतीय छात्रों के अभिभावक इन व्हाट्सऐप समूहों से मदद मांग सकते हैं। समूह ने हंगरी, रोमानिया और पोलैंड में कुछ छात्रों को आवास एवं भोजन उपलब्ध कराया है।

खोबरागडे ने बताया कि बुधवार को यूक्रेन में खारकीव से करीब 300 छात्र हंगरी की सीमा पर पहुंचे और हंगरी में रहने वाले भारतीय छात्रों ने उनके लिए भोजन की व्यवस्था की।

भाषा गोला उमा

उमा

 

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