औरंगाबाद नगर निकाय ने निर्माण गतिविधियों में ताजे पानी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया |

औरंगाबाद नगर निकाय ने निर्माण गतिविधियों में ताजे पानी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया

औरंगाबाद नगर निकाय ने निर्माण गतिविधियों में ताजे पानी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : May 9, 2022/6:29 pm IST

औरंगाबाद, नौ मई (भाषा) महाराष्ट्र के औरंगाबाद में नगर निकाय ने मराठवाड़ा के सबसे बड़े शहर में पानी की कमी से निपटने के लिए निर्माण गतिविधियों में ताजे पानी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

आयुक्त आस्तिक कुमार पांडे ने संवाददाताओं से कहा कि औरंगाबाद नगर निगम (एएमसी) महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) से रोजाना 30 लाख लीटर (एमएलडी) अतिरिक्त पानी की आपूर्ति करने की मांग करेगा।

पांडे के मुताबिक, औरंगाबाद में जल आपूर्ति के प्रबंधन के लिए 30 सूत्री कार्यक्रम लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले तीन से चार वर्षों में शहर के जल आपूर्ति तंत्र और क्षमता को बढ़ावा देने के लिए कुछ खास कदम नहीं उठाए गए हैं।

पांडे ने कहा, “पानी की कमी से निपटने के लिए हमने एएमसी के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों में ताजे पानी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। कम से कम अगले दो से तीन महीने तक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा।”

उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर स्विमिंग पूल पर भी पाबंदियां लागू की जा सकती हैं, लेकिन नगर निकाय कोविड-19 महामारी के बाद शहर में आम जनजीवन के पटरी पर लौटने की प्रक्रिया में खलल नहीं डालना चाहता है।

पांडे के अनुसार, “प्रशासन ने निजी और सरकारी नियंत्रण वाले कुओं के अधिग्रहण की योजना बनाई है। जल आपूर्ति को सुचारु बनाए रखने के लिए जिम्मेदार लाइनमैन पर नजर रखने के लिए अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।”

इस बीच, औरंगाबाद के संभागीय आयुक्त सुनील केंद्रेकर ने हरसुल झील में जल आपूर्ति ले जुड़े कार्यों को तेजी से निपटाने के निर्देश दिए।

शहर में पानी की किल्लत को लेकर शिवसेना के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार दोपहर पांडे से मुलाकात की थी।

भाषा पारुल उमा

उमा

 

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