सड़क दुर्घटना के मामले में ‘बेस्ट’ के बस चालक को तीन महीने का कारावास |

सड़क दुर्घटना के मामले में ‘बेस्ट’ के बस चालक को तीन महीने का कारावास

सड़क दुर्घटना के मामले में ‘बेस्ट’ के बस चालक को तीन महीने का कारावास

:   Modified Date:  October 23, 2023 / 06:39 PM IST, Published Date : October 23, 2023/6:39 pm IST

मुंबई, 23 अक्टूबर (भाषा) शहर की एक अदालत ने जनवरी 2021 में पेडर रोड इलाके में एक साइकिल चालक को चोटिल करने के मामले में ‘बेस्ट’ के एक बस चालक को तीन महीने कैद की सजा सुनाई।

अदालत ने फैसला सुनाते समय कहा कि सार्वजनिक परिवहन के वाहन को लापरवाही से चलाने से यात्रियों के साथ-साथ सड़क का इस्तेमाल करने वाले अन्य लोगों के लिए भी गंभीर खतरा पैदा होता है।

अदालत ने यह कहते हुए बस चालक की सजा में नरमी बरतने की दलील को खारिज कर दिया कि इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। उसने इस आधार पर सजा में नरमी बरतने की अपील की थी कि उसके 28 साल के कॅरियर में यह पहला अपराध है।

बस चालक को गिरगांव अदालत के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट नदीम पटेल ने 21 अक्टूबर को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 279 (सार्वजनिक मार्ग पर लापरवाही से वाहन चलाने) और 337 (किसी कार्य के जरिये मानव जीवन या किसी की व्यक्ति सुरक्षा को के तहत दोषी ठहराया था।

अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी चालक जनवरी 2021 में जब बस चला रहा था, तो वह पीड़ित की साइकिल के हैंडल से टकरा गई, जो गिरकर मामूली रूप से चोटिल हो गया।

आरोपी के वकील ने नरमी बरतने की प्रार्थना करते हुए कहा कि ‘बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति और परिवहन उपक्रम’ (बेस्ट) के साथ उसके 28 साल के कॅरियर में पहली बार ऐसी घटना घटी है और उसका पूरा परिवार उस पर आश्रित है।

अभियोजन पक्ष ने आरोपी को अधिकतम छह महीने की सजा देने का अनुरोध करते हुए कहा कि आरोपी सार्वजनिक परिवहन का वाहन चला रहा था और इस लिहाज से वह गंभीरता से इस काम को करने के लिए बाध्य था।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सजा की अवधि परिस्थितियों और तथ्यों , पीड़ित को पहुंची चोट, अपराध की प्रकृति और समाज पर उसके प्रभाव पर निर्भर करती है।

अदालत ने कहा, ‘‘मौजूदा मामले में पीड़ित को पहुंची चोट सामान्य है। हालांकि, आरोपी सार्वजनिक परिवहन उपक्रम बेस्ट का चालक है, जिसे लापरवाही से बस चलाने का दोषी ठहराया गया है।’’

अदालत ने कहा, ‘‘यह बस में मौजूद और सड़कों पर चलने वाले लोगों की सुरक्षा का मामला है। अगर सार्वजनिक परिवहन का चालक लापरवाही से बस चला रहा है, तो यह खतरनाक है, क्योंकि यह यात्रियों और सड़क का इस्तेमाल करने वाले अन्य लोगों के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है।’’

मजिस्ट्रेट ने कहा इसलिए इस तरह के मामलों में अगर अनुचित उदारता बरती गयी, तो समाज में गलत संदेश जाएगा।

भाषा वैभव दिलीप

दिलीप

 

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