न्यायिक अवसंरचना में सुधार के लिये केंद्र ने विभिन्न कदम उठाए हैं : रिजिजू |

न्यायिक अवसंरचना में सुधार के लिये केंद्र ने विभिन्न कदम उठाए हैं : रिजिजू

न्यायिक अवसंरचना में सुधार के लिये केंद्र ने विभिन्न कदम उठाए हैं : रिजिजू

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : October 23, 2021/5:38 pm IST

मुंबई, 23 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकतंत्र को सफल बनाने के लिए एक मजबूत न्यायपालिका को “अत्यंत महत्वपूर्ण” बताते हुए शनिवार को केंद्र द्वारा बुनियादी न्यायिक ढांचे में सुधार के लिए किए गए विभिन्न फैसलों को रेखांकित किया।

बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ से जुड़ी दो नई इमारतों के उद्घाटन के मौके पर रिजिजू ने यह बात कही।

इस कार्यक्रम में रिजिजू के बाद अपनी बात रखते हुए भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने कहा कि न्याय तक सुलभता के लिये न्यायिक अवसंरचना में सुधार महत्वपूर्ण है, लेकिन यह चौंकाने वाली बात है कि देश में इसका सुधार और रखरखाव तदर्थ व अनियोजित तरीके से किया जा रहा था।

कानून मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि न्यायपालिका को न केवल पूर्ण समर्थन दिया जाए, बल्कि उसे मजबूत भी बनाया जाए।

उन्होंने न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच “सामंजस्यपूर्ण संबंध” का भी आह्वान किया।

उन्होंने कहा, “हमारे लोकतंत्र को सफल बनाने के लिए एक मजबूत न्यायपालिका का अत्यधिक महत्व है। हमने (न्यायिक) बुनियादी ढांचे को समर्थन प्रदान करने के लिए कई निर्णय लिए हैं, जो अहम है।”

मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में केंद्र ने कई फैसले लिए हैं। रिजिजू ने कहा कि महत्वपूर्ण फैसलों में से एक निचली न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 9,000 करोड़ रुपये मंजूर करना था।

उन्होंने कहा कि इस बजट में जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में सभी न्यायिक अधिकारियों के लिए 3,800 अदालत कक्ष और 4,000 आवासीय इकाइयों के निर्माण समेत अन्य फैसलों को मंजूरी दी गई है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर न्यायिक अवसंरचना के विकास के लिये रकम (9000 करोड़ रुपये) जुटाएगी।

कानून मंत्री ने कहा, “केंद्र 3,800 अदालत कक्ष और न्यायिक अधिकारियों के लिए 4,000 आवासीय इकाइयों के निर्माण के लिए 5,357 करोड़ रुपये प्रदान करेगा। हमने 1,450 वकीलों के कक्ष के लिए प्रावधान किया है। सरकार 1,450 शौचालय परिसरों का निर्माण करेगी और 3,800 डिजिटल कंप्यूटर कक्ष बनाएं जाएंगे।”

उन्होंने कहा कि ग्राम न्यायालयों की बेहतरी के लिये भी प्रावधान किए गए हैं।

कानून मंत्री ने कहा कि एक आम नागरिक को न्याय पाने के लिए संघर्ष नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा, “यह सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है कि न्याय और आम आदमी के बीच की खाई को जितना हो सके कम किया जाए।”

भाषा

प्रशांत दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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