मुंबई, 26 मार्च (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें पति को अलग रह रही पत्नी को तीन करोड़ रुपये का मुआवजा और डेढ़ लाख रुपये का मासिक गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया था।
न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख ने घरेलू हिंसा मामले में अपने 22 मार्च के आदेश में कहा कि यह राशि महिला को न केवल शारीरिक चोटों के लिए बल्कि मानसिक यातना और भावनात्मक परेशानी के मुआवजे के रूप में दी गई है।
जुलाई 2017 में महिला ने ‘मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट’ की अदालत के समक्ष घरेलू हिंसा अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपने पति के खिलाफ मामला दायर किया था।
भाषा
योगेश धीरज
धीरज
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