महाराष्ट्र में फसल नष्ट होने के बाद बीमा की नगण्य राशि मिलने से किसान हैं निराश |

महाराष्ट्र में फसल नष्ट होने के बाद बीमा की नगण्य राशि मिलने से किसान हैं निराश

महाराष्ट्र में फसल नष्ट होने के बाद बीमा की नगण्य राशि मिलने से किसान हैं निराश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : November 27, 2022/3:16 pm IST

मुंबई, 27 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र में अत्यधिक वर्षा के कारण अपनी फसलें नष्ट हो जाने के बाद कई किसानों ने बहुत कम क्षतिपूर्ति मिलने का दावा किया है। एक किसान का तो यह दावा है कि उसे फसल नुकसान की भरपाई के नाम पर महज 90 रुपये मिले हैं।

जब इस संबंध में कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि कुछ किसानों को बहुत कम राशि मिली है, लेकिन सरकार बीमा कवरेज का विस्तार करने और दावा निवारण प्रणाली भी स्फूर्त बनाने की कोशिश करेगी।

राज्य राहत एवं पुनर्वास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि औरंगाबाद जिले में 7.48 लाख किसानों ने 2022 खरीफ मौसम में सरकार की फसल बीमा योजना ली थी, लेकिन दिवाली से पहले व्यापक रूप से अत्यधिक वर्षा होने के बावजूद केवल 1.84 लाख किसानों के दावे को बीमा कंपनी ने मंजूर किया है।

सरकारी आंकड़े भी बताते हैं कि अहमदनगर में 1.03 लाख किसानों ने अत्यधिक वर्षा से फसल नुकसान को लेकर अपने दावे सौंपे थे, लेकिन अबतक 20,226 दावे ही मंजूर किये गये हैं एवं 9.78 करोड़ रुपये वितरित किये गये हैं।

विदर्भ में अकोला जिले के बालापुर तहसील के एक किसान ने उसका नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘‘किसी भी प्राकृतिक आपदा को लेकर कपास की अपनी फसल के बीमा के वास्ते मैंने 2000 रुपये से अधिक का भुगतान किया था। अत्यधिक वर्षा के कारण दो एकड़ खेत में कपास के पौधे नष्ट हो गये, लेकिन मुझे बस 90 रुपये मिले।’’

नांदेड़ जिले के किनवात तहसील के एक अन्य किसान ने कहा कि उसे क्षतिपूर्ति के रूप में फसल बीमा कपंनी से बस 356 रुपये मिले हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने हाल में सरकार से फसल बीमा योजना एवं उसकी भुगतान प्रणाली को सुचारू बनाने का आह्वान किया था।

तब सत्तार ने किसानों के बीमा दावे का शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि किसानों को बहुत कम राशि मिली है, लेकिन हम बीमा कवरेज का विस्तार करेंगे और दावा निस्तारण प्रणाली को स्फूर्त बनायेंगे।’’

भाषा

राजकुमार सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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