मुंबई, सात अप्रैल (भाषा) बम्बई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि एल्गार परिषद के एक अभियुक्त को पी जी वोडहाउस की पुस्तक उपलब्ध न कराये जाने को लेकर मचे बवाल के मद्देनजर इसने आदेश दिया है कि दो दीवानी मामलों से प्राप्त राशि को तलोजा जेल के पुस्तकालय में सुधार पर खर्च किया जाए।
न्यायमूर्ति एस बी शुक्रे और न्यायमूमर्ति जी. ए. सनप की पीठ ने एक अन्य मामले के लिए अदालत कक्ष में मौजूद सरकारी वकील संगीता शिंदे से कहा कि उसने आज दिन में दो दीवानी मामलों में पांच हजार रुपये और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है और इस राशि का इस्तेमाल जेल के पुस्तकालय के वास्ते किताब खरीदने पर खर्च किया जाए।
पीठ ने कहा, ‘‘हमने इन दोनों मामलो में दिये अपने आदेश में कहा है कि पक्षकारों से वसूली गयी राशि तलोजा जेल को दी जाएगी।’’
शिंदे ने कहा कि वह अदालत की भावनाओं से महाराष्ट्र के जेल अधिकारियों को अवगत करा देंगी।
इस सप्ताह के प्रारंभ में पीठ ने नवलखा की याचिका की सुनवाई की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें न्यायिक हिरासत के बजाय घर में नजरबंद करके रखा जाये।
उच्च न्यायालय ने तब कहा था, ‘‘यदि अच्छी किताबें जेल में पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं होती हैं, तब बार और अदालत की ओर कुछ न कुछ किया जाना चाहिए…क्योंकि कैदियों में सुधार के लिए अच्छे पुस्तकालय की उपलब्धता आवश्यक है।’’
भाषा
सुरेश उमा
उमा
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