मुंबई, चार मई (भाषा) महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग (एमएचआरसी) के समक्ष बुधवार को दायर एक रिपोर्ट में पुलिस ने कहा कि विवादास्पद दक्षिणपंथी नेता संभाजी भिड़े का नाम 2018 कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले से हटा दिया गया है क्योंकि हिंसा में उनकी कोई भूमिका नहीं पायी गई।
पुणे जिले में कोरेगांव भीमा युद्ध स्मारक के पास 1 जनवरी, 2018 को हिंसा भड़क उठी। यह स्मारक, 1818 में पेशवा की सेना पर ईस्ट इंडिया कंपनी की जीत की याद दिलाता है, इसे दलितों द्वारा काफी महत्व दिया जाता है क्योंकि ब्रिटिश सेना में दलित महार समुदाय के सदस्य भी शामिल थे।
पुणे जिले की पिंपरी पुलिस ने भिड़े और अन्य के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम और हत्या के प्रयास सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था क्योंकि 2018 में जातिगत संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
अधिवक्ता आदित्य मिश्रा ने 2021 में एमएचआरसी से संपर्क करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बताया था कि भिड़े के खिलाफ मामला वापस ले लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
बुधवार को पुलिस ने आयोग के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की।
एक पृष्ठ की रिपोर्ट में कहा गया है कि मामले में भिड़े की भूमिका नहीं मिलने के कारण उनका नाम हटा दिया गया है। आयोग ने मामले की अंतिम सुनवायी चार जुलाई को करना तय किया।
भाषा अमित प्रशांत
प्रशांत
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