महाराष्ट्र : स्थानीय लोगों ने गांव का नाम बदल कर मुंबई हमले के शहीद के नाम पर रखा |

महाराष्ट्र : स्थानीय लोगों ने गांव का नाम बदल कर मुंबई हमले के शहीद के नाम पर रखा

महाराष्ट्र : स्थानीय लोगों ने गांव का नाम बदल कर मुंबई हमले के शहीद के नाम पर रखा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : November 25, 2022/3:58 pm IST

(ज्ञानेश चव्हाण)

मुंबई, 25 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र में करीब 1000 लोगों की आबादी और 600 मकानों वाले सुलतानपुर गांव के लोगों ने 2008 में 26/11 के मुंबई हमले में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपनी जान न्यौछावर करने वाले यहां (गांव के) के एक वीर सपूत की याद में गांव का नाम बदलकर ‘राहुल नगर’ कर दिया है।

राज्य रिजर्व पुलिस बल के कांस्टेबल राहुल शिंदे 14 साल पहले इस आतंकवादी हमले में वीरगति को प्राप्त हो गये थे। राहुल शिंदे उन पुलिसकर्मियों में शामिल थे जो आतंकवादियों की गोलीबारी की खबर मिलने के बाद दक्षिण मुंबई स्थित ताजमहल पैलेस होटल में सबसे पहले पहुंचे और अंदर गए थे। राहुल शिंदे के पेट में आतंकियों ने गोली मारी और उनकी जान चली गई थी। राहुल शिंदे सोलापुर जिले के माधा तहसील में स्थित सुलतानपुर गांव के निवासी थे।

सरकार ने उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरांत उन्हें राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया था । सुलतानपुर के निवासियों ने इस गांव का नाम बदलकर राहुल शिंदे के नाम पर रखने का फैसला किया क्योंकि वह इसी भूमि पर पले-बढ़े थे। हालांकि सरकारी नाम परिवर्तन कार्यक्रम अभी नहीं हुआ है।

राहुल शिंदे के पिता सुभाष विष्णु शिंदे ने 26/11 हमले की बरसी से एक दिन पहले पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘गांव का नाम बदलने की सारी सरकारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गयी हैं। अब हम सरकारी नाम परिवर्तन कार्यक्रम की बाट जोह रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम गणमान्य अतिथियों से तारीख की पुष्टि का इंतजार रहे हैं और इसे शीघ्र ही अंतिम रूप दिया जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटिल ने इस प्रक्रिया में उनकी मदद की जो आतंकी हमले के दौरान मुंबई में पुलिस उपायुक्त (क्षेत्र प्रथम) थे ।

सुभाष विष्णु शिंदे ने कहा, ‘‘ मैं पिछले 10 सालों से इस बारे में काम कर रहा था। आखिरकर यह हो गया। मैं अब संतुष्ट हूं तथा मैं कुछ और नहीं चाहता। मैं सम्मानित महसूस करता हूं कि यह गांव मेरे बेटे के नाम से जाना जाता है।’’

अपने बेटे के बलिदान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उसने आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए साहस का परिचय दिया एवं देश के लिए कुर्बानी दी। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे अपने बेटे पर गर्व है।’’

सुभाष विष्णु शिंदे की दो और संतान एक बेटा एवं बेटी हैं। वह अपने छोटे बेटे के साथ रहते हैं जो शादीशुदा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ राहुल की मां अब भी सदमे में है। वह अब भी स्थिति के अनुरूप अपने आपको ढाल नहीं पायी है, उसे अब भी यह बात अस्वीकार्य है कि राहुल इस दुनिया में नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ राहुल की शहादत के बाद सरकार ने नियमानुसार हमारी वित्तीय सहायता की। हमें मुंबई में फ्लैट एवं तालुका में एक गैस एजेंसी भी मिली जिससे परिवार को जीविकोपार्जन में मदद मिलती है।’’

शिंदे परिवार ने 2010 में गांव में राहुल के नाम पर एक स्मारक भी बनाया था।

भाषा राजकुमार मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers