महाराष्ट्र को विधि विश्वविद्यालय की आवश्यकता है : न्यायमूर्ति ओका |

महाराष्ट्र को विधि विश्वविद्यालय की आवश्यकता है : न्यायमूर्ति ओका

महाराष्ट्र को विधि विश्वविद्यालय की आवश्यकता है : न्यायमूर्ति ओका

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : April 14, 2022/7:04 pm IST

ठाणे (महाराष्ट्र), 14 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय एस ओका ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि महाराष्ट्र को कर्नाटक तथा तमिलनाडु की तर्ज पर अलग विधि विश्वविद्यालय की आवश्यकता है।

महाराष्ट्र और गोवा की बार काउंसिल और ठाणे जिला अदालत बार एसोसिएशन द्वारा यहां आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने यह भी कहा कि देश में न्यायिक बुनियादी ढांचे के सुधार के रास्ते में वित्तीय बाधा नहीं आनी चाहिए।

उन्होंने कर्नाटक तथा तमिलनाडु में विशिष्ट विश्वविद्यालयों का उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र को एक विधि विश्वविद्यालय की आवश्यकता है।

न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि बार काउंसिल द्वारा गठित लॉयर्स एकेडमी एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को न्यायिक बुनियादी ढांचे के लिहाज से देश में नंबर एक राज्य बनना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्यों के वित्त विभागों को न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए धन की मंजूरी देते हुए अपना व्यवहार बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्याय तक पहुंच नागरिकों का एक मौलिक अधिकार है और इस अधिकार के आड़े वित्तीय बाधा नहीं आनी चाहिए।

न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि उत्कृष्ट वकील और न्यायाधीश देने वाले महाराष्ट्र को बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में पीछे क्यों रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के 48 प्रधान न्यायाधीशों में से नौ महाराष्ट्र से रहे हैं और 15 अटॉर्नी जनरल में से पांच राज्य के ही रहे हैं।

भाषा गोला दिलीप

दिलीप

 

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