मोदी ने पुतिन, जेलेंस्की से बात कर भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया: जयशंकर |

मोदी ने पुतिन, जेलेंस्की से बात कर भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया: जयशंकर

मोदी ने पुतिन, जेलेंस्की से बात कर भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया: जयशंकर

:   Modified Date:  May 13, 2024 / 08:37 PM IST, Published Date : May 13, 2024/8:37 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

मुंबई, 13 मई (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन के युद्ध प्रभावित क्षेत्रों से भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की थी।

मुंबई में संपादकों के साथ बातचीत के दौरान, जयशंकर ने साझा किया कि कैसे चीजों को अंजाम दिया गया। विदेश मंत्री ने कहा कि खारकीव और सुमी से भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए मोदी ने पुतिन से दो बार और जेलेंस्की से एक बार बात की थी।

रूस द्वारा 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर आक्रमण के बाद भारतीय छात्रों की निकासी के लिए भारत सरकार द्वारा चलाए गए अभियान पर जयशंकर सवालों का जवाब दे रहे थे।

जयशंकर ने कहा, ‘‘दो घटनाएं हुईं। ये दोनों खारकीव शहर और सुमी में हुईं। खारकीव की घटना में, हमने छात्रों को शहर से बाहर निकलने और एक निर्दिष्ट स्थान पर पहुंचाने के लिए कहा था ताकि हम उन्हें वहां से निकाल सकें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सब कुछ तय था। लोग आगे बढ़ने लगे। फिर रूसियों ने कुछ गलतफहमी के कारण उस स्थान पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसे हमने (पिकअप पॉइंट के रूप में) निर्धारित किया था।’’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को फोन किया और उनसे कहा कि हमारे लोगों ने एक सुरक्षित मार्ग पर काम किया है और (उनसे पूछा) कि आप सुरक्षित क्षेत्र पर कैसे गोलीबारी कर सकते हैं। पुतिन ने कहा कि वह जरूरी कदम उठाएंगे। दो-तीन घंटे बाद हमें संदेश मिला कि गोलीबारी बंद हो गई है।’’

उन्होंने कहा कि सुमी का अभियान बड़ा था। जयशंकर ने कहा, ‘‘दूसरी घटना ज्यादा बड़ी थी। यह सुमी नामक शहर था। वहां दूर से स्वचालित हथियारों से गोलाबारी हो रही थी। वहां फंसे लोग बेबस महसूस कर रहे थे और बाकी लोग तब तक वहां से जा चुके थे। उन्हें लग रहा था कि वे फंस गये हैं।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘यह स्थान उत्तर की ओर था और युद्ध क्षेत्र के करीब था। हम छात्रों से कहते रहे, चिंता न करें, हम आपको बाहर निकाल लेंगे। हमने वहां बसें भेजीं। हमारे स्तर पर यह समझ थी कि वे (छात्र) चले जाएंगे और (उस मार्ग पर) कोई गोलीबारी नहीं होगी।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘जैसे ही वे बस में सवार हुए, गोलीबारी शुरू हो गई। रूस ने कहा कि यूक्रेन ने इसकी शुरुआत की और यूक्रेन ने कहा कि रूस ने इसकी शुरुआत की। तो ये लोग (छात्र) वापस लौट गये और बहुत परेशान थे। उन्होंने कहा कि वे सुरक्षित मार्ग चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे बाहर नहीं निकलेंगे और किसी को आकर उन्हें ले जाना होगा।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘हमने दिल्ली से दो लोग भेजे, जो रूसी थे। उन्होंने कहा कि वे छात्रों से मिलेंगे और उन्हें बाहर निकालेंगे लेकिन एक मार्ग की जरूरत होगी। हमें पूरे मार्ग के लिए और गोलीबारी रोकने के लिए सहमति की जरूरत थी।’’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन और जेलेंस्की को फोन किया। उन्होंने उनसे कहा कि यही मार्ग है और उन्हें छात्रों को वहां से निकालना है। पुतिन और जेलेंस्की दोनों सहमत हुए। तो इस तरह इसे अंजाम दिया गया।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री ने इन नेताओं से बात की तो मैं वहां मौजूद था।’’

भाषा आशीष धीरज

धीरज

 

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