उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के आयोजन की अनुमति |

उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के आयोजन की अनुमति

उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के आयोजन की अनुमति

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : September 23, 2022/7:45 pm IST

मुंबई, 23 सितंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क में पांच अक्टूबर को वार्षिक दशहरा रैली के आयोजन की अनुमति शुक्रवार को दे दी।

गौरतलब है कि शिवसेना वर्षों से शिवाजी पार्क (शिव-तीर्थ) में दशहरा रैली का आयोजन कर रही है लेकिन इस साल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के धड़े द्वारा भी दशहरे के दिन (पांच अक्टूबर को) उसी मैदान में रैली आयोजित करने की अनुमति मांगे जाने के बाद यह कानूनी विवादों में घिर गया।

न्यायमूर्ति आर. डी. धनुका और न्यायमूर्ति कमल खाटा की खंडपीठ ने कहा कि दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं देने का बीएमसी का आदेश ‘‘स्पष्ट रूप से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है।’’

ठाकरे नीत शिवसेना गुट और उसके सचिव अनिल देसाई द्वारा बृहन्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आदेश को चुनौती दी थी।

पीठ ने कहा, ‘‘हमारे विचार में बीएमसी ने साफ मन से फैसला नहीं लिया है। याचिकाकर्ता को अतीत में शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करने की अनुमति मिलती रही है।’’

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘सिर्फ किसी दूसरे आवेदक के होने के आधार पर बीएमसी द्वारा रैली की अनुमति नहीं दिया जाना, कानूनी प्रक्रिया का स्पष्ट दुरुपयोग है।’’

अदालत ने कहा कि नगर निकाय ने ‘‘बेहद हल्के आधार पर अधिकारों का दुरुपयोग किया है।’’

पीठ ने ठाकरे नीत शिवसेना को दो से छह अक्टूबर तक शिवाजी पार्क का उपयोग करने की अनुमति दी है, लेकिन साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा है। अदालत ने पुलिस को पूरी रैली की वीडियोग्राफी कराने को भी कहा है।

अदालत ने हालांकि चेताया, ‘‘पुलिस के काम में कोई बाधा नहीं पहुंचनी चाहिए।’’

अदालत के आदेश के बाद, परिसर में ही पत्रकारों से बातचीत में शिवसेना नेता अनिल देसाई ने कहा, ‘‘मैंने आदेश की सूचना उद्धव ठाकरे को दे दी है, वह खुश हैं। यह रैली महाराष्ट्र के लोगों के लिए है और इसमें कोई राजनीति नहीं है। यह वर्षों से चली आ रही परंपरा है। सत्यमेव जयते।’’

बीएमसी ने 21 सितंबर को कहा था कि वह ठाकरे नीत पार्टी का आवेदन इसलिए खारिज कर रही है क्योंकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के विद्रोही धड़े के विधायक सदा सारवंकर ने भी ऐसी ही अर्जी दी है और अगर एक धड़े को अनुमति दी जाती है तो इससे स्थानीय पुलिस के लिए कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो जाएगी।

बीएमसी ने शिवाजी पार्क थाने द्वारा रैली के संबंध में चिंता जताए जाने वाली रिपोर्ट भी अदालत को सौंपी।

शिवाजी पार्क में रैली के आयोजन की अनुमति मांगने वाले शिंदे खेमे के विधायक सदा सारवंकर भी उच्च न्यायालय गए थे।

उन्होंने अपनी अर्जी में ठाकरे नीत धड़े की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अदालत को अभी मामले में फैसला नहीं लेना चाहिए क्योंकि वास्तविक शिवसेना का प्रतिनिधित्व कौन कर रहा है, इस विवाद पर फैसला अभी उच्चतम न्यायालय में लंबित है।

अदालत ने उनकी अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि सारवंकर को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।

पीठ ने कहा, ‘‘हमारे विचार में, यह मुद्दा कि असली शिवसेना कौन है, उच्चतम न्यायालय और भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष लंबित है। और दशहरा रैली से जुड़ी इस याचिका का उससे कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए हमें खेद है कि हम आपकी बात पर संज्ञान नहीं ले सकते।’’

पीठ ने यह भी रेखांकित किया कि अनुमति मांगने वाला आवेदन 22 अगस्त से लंबित है।

भाषा अर्पणा अविनाश

अविनाश

 

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