IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021: डॉ.पलक जायसवाल जो महिला-बालिकाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने कर रही अथक प्रयास... देखिए | IBC24 Nari Ratna Award 2021: Dr. Palak Jaiswal who works tirelessly to make women and girls strong and self-reliant ... See

IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021: डॉ.पलक जायसवाल जो महिला-बालिकाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने कर रही अथक प्रयास… देखिए

IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021: डॉ.पलक जायसवाल जो महिला-बालिकाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने कर रही अथक प्रयास... देखिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : March 6, 2021/9:47 am IST

बिलासपुर। ‘विजडम ट्री फाउंडेशन’ की फाउंडर डॉक्टर पलक जायसवाल…समाजसेवा के क्षेत्र में एक मिसाल बन चुकी हैं बिलासपुर की डॉ पलक…जिन्होंने वूमेन इंपॉवरमेंट के लिए अथक प्रयास किए…डॉ पलक का एक ही उद्देश्य रहा है.. समाज की महिलाएं सशक्त, शिक्षित और सुरक्षित रहें…विजडम ट्री फाउंडेशन के जरिए डॉ पलक ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नया अभियान छेड़ा ‘एकांक्या’…इस नेक कैम्पेन के तहत उनकी संस्था लड़की के जन्म पर प्लांटेशन करती है…डॉ पलक ने अपनी बेटी के जन्म पर भी प्लांटेशन कर अभियान को आगे बढ़ाया…कोविड काल की विषम परिस्थितियों में भी डॉ पलक और उनकी टीम ने नि:स्वार्थ भाव से लोगों की मदद की.. पर्यावरण सरंक्षण और नारी सशक्तिकरण मुहिम की मिसाल डॉ पलक जायसवाल को उनकी सकारात्मक सोच के लिए ‘IBC24 नारी रत्न सम्मान’ से नवाजा गया।

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डायरेक्टर चौकसे ग्रुप ऑफ कॉलेजेस एंड विजडम ट्री फाउंडेशन की फाउंडर डॉक्टर पलक जायसवाल समाज के लिए मिशाल हैं। महिला, बालिका विकास व सशक्तिकरण को लेकर किए जा रहे प्रयासों ने उन्हें समाज में प्रेरक बना दिया है। ‘विजडम ट्री फाउंडेशन’ के माध्यम से डॉक्टर पलक महिला व बालिकाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही हैं। उनकी सोच है कि महिलाएं और बालिकाएं समाज में सशक्त, शिक्षित और सुरक्षित रहें।

दरअसल, डॉ पलक जायसवाल ने इस मुहिम की शुरूवात सबसे पहले डायरेक्टर चौकसे ग्रुप ऑफ कॉलेजेस से की। उनके साथ हमेशा एक विचार था कि उन्हें एक ऐसा माध्यम बनना है जिससे महिलाओं और बच्चियों को सशक्त बनाया जा सके। डॉक्टर पलक ने इसके लिए साल 2020 में विजडम ट्री फाउंडेशन की स्थापना की। इसके जरिए उन्होंने वूमेन इंपॉवरमेंट को लेकर काम करना शुरू किया। डॉक्टर पलक ने सबसे पहले इसके लिए महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त, शिक्षित और सुरक्षित रखने का बीड़ा उठाया। सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम के जरिए प्रदेश के 3 हज़ार बच्चियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाए। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को भी शिविर लगाकर ट्रेंड किया गया।

यही नहीं मास्क, सेनेटाइजर निर्माण के साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी डॉक्टर पलक बेहतर काम कर रही हैं। बच्चों को पढ़ाई के लिए टेक्नोलॉजी ऑफ अपग्रेडेशन ऑफ गर्ल चाइल्ड पर भी डॉक्टर पलक काम कर रही हैं। इसमें जो बच्चे पढ़ाई में अच्छे हैं और जो किसी कारण से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं उन्हें भी अडॉप्ट कर उनकी संस्था शिक्षित कर रही है। बाल आश्रमों से भी बच्चियों को अडॉप्ट कर संस्था उन्हें शशक्त बनाने का काम कर रही है। पर्यावरण के क्षेत्र में भी डॉक्टर पलक ने एक नई सोच समाज को समर्पित की है। जिसमें हर बेटी के जन्म पर प्लांटेशन का अभियान ‘एकांक्या’ शुरू किया गया है। अपनी बेटी के जन्म पर भी उन्होंने प्लांटेशन ड्राइव कर इस अभियान को आगे बढ़ाने का काम किया है।

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यही नहीं कोविड के वैश्विक महामारी के विषम दौर में भी डॉक्टर पलक और उनकी टीम ने समाज में बड़े बदलाव के काम किए हैं। जिसमें लोगों की सेवा के साथ उनकी मदद और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने व सुरक्षित रखने की पहल प्रेरक है। कोविड काल में क्वॉरेंटाइन सेंटर्स का संचालन, प्रवासी मजदूरों को भोजन, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सैनिटाइजर, मास्क और इम्यूनिटी बूस्टर दवाइयों का वितरण, मास्क, पीपी किट सहित अन्य मेडिकल उपकरणों की सहायता और क्वॉरेंटाइन सेंटर की महिलाओं और बच्चों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का काम भी डॉक्टर पलक और उनकी टीम कर रही है। डॉक्टर पलक की ये सकारात्मक सोच और वूमेन इंपॉवरमेंट को लेकर किए जा रहे प्रयास समाज में बड़े बदलाव ला रहे हैं। यही कारण है कि, महिलाएं और बालिकाएं सशक्त, शिक्षित आत्मनिर्भर बन रही है और उनका ये प्रयास आम और खास के लिए भी प्रेरक बन रहा है।

 

 
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