IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021: ललिता के जज्बे को सलाम, सैकड़ों महिलाओं के लिए बनी मिसाल, पढ़ें बुलंद हौसलों की कहानी | Salute to Lalitha's spirit, the example made for hundreds of women today by high spirits

IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021: ललिता के जज्बे को सलाम, सैकड़ों महिलाओं के लिए बनी मिसाल, पढ़ें बुलंद हौसलों की कहानी

IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021: ललिता के जज्बे को सलाम, सैकड़ों महिलाओं के लिए बनी मिसाल, पढ़ें बुलंद हौसलों की कहानी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : March 5, 2021/8:39 am IST

कोरबा। शारीरिक अक्षमता ने भले ही शरीर को कमजोर बनाया हो लेकिन हौसला ऐसा कि सामने कोई भी चुनौती टिक ना सकी। कुछ ऐसी ही है कोरबा की ललिता राठिया की हस्ती। पैरों से दिव्यांग ललिता खुद ट्राईसाइकिल के सहारे चलती हैं लेकिन जज्बा ऐसा की चिर्रा गांव में 50 से अधिक महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा करने का बीड़ा उठाया।

12वीं पास ललिता राठिया ने कोरबा कलेक्टर की मदद से गांव की कुछ महिलाओं के साथ गोठान में वर्मी कंपोस्ट बनाने काम शुरू किया। नतीजा महिला समूह आज वर्मी कंपोस्ट के साथ-साथ केंचुआ, कोसा धागा, सब्जी, मछली पालन और कुक्कुट पालन कर अच्छी आमदनी ले रहा है। ललिता की सूझबूझ, उनका हौसला आज सैंकड़ों महिलाओं के लिए मिसाल बन चुका है। कोरबा की ललिता यादव को नारी रत्न सम्मान देते हुए हम गर्व का अनुभव कर रहे हैं।

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ट्राईसाईकिल पर नज़र आ रही यह है महिला ललिता राठिया, ललिता आज कोरबा जिले समेत पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल के रूप में काम कर रही है। पैरों से दिव्यांग ललिता ने अपने गांव की ही 50 से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा है और यह संभव हो सका छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा-गरूवा-घुरूवा-बाड़ी से।

कोरबा जिले के चिर्रा ग्राम में रहने वाली ललिता वैसे तो 12वीं पास है लेकिन वनांचल में बसे गांव में रोजगार नहीं होने की वजह से घर पर खाली ही रहा करती थी। इसी बीच ललिता को गांव में गौठान बनाए जाने की जानकारी मिली। उत्सुकतावष ललिता ने गौठान में सहयोग देने की इच्छा जताई।

ललिता के हौसले को कोरबा कलेक्टर किरण कौशल का साथ मिला और महिला समूह के माध्यम से ललिता राठिया व गांव की महिलाओं को गौठान में वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम मिल गया। जिससे करीब 5000 किलो खाद बना विभिन्न शासकीय विभागों को ब्रिकी भी किया गया।

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ललिता की पहल से गांव की और करीब 50 महिलाएं चिर्रा आदर्ष गौठान से जुड़ी। यहां जिला पंचायत और बिहान की टीम की मदद से पांच महिला समूह का गठन किया गया। जो अब वर्मी खाद उत्पादन के साथ-साथ केचुआ उत्पादन, कोसा धागा उत्पादन, सब्जी उत्पादन, मछली पालन और कुक्कुट पालन कर अपनी आजीविका में बढ़ौतरी कर रही है। महिला समूहों की बेहतरी का ही यह नतीजा है कि 64 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है।

वहीं लाॅकडाउन के दौर में गांव के किसी भी परिवार को सब्जी की कमी नहीं हुई। गोधन न्याय योजना शुरू होने से गौठान में गोबर की बढी उपलब्धता अधिक वर्मी कम्पोस्ट निर्माण करने में सहायक साबित हो रही है। दिव्यांग होने के बावजूद भी ललिता इन सभी महिलाओं का नेतृत्व कर उनको आत्मनिर्भर बना रही इसके लिए ललिता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद् ज्ञापित करना नहीं भूलती। आईबीसी 24 ललिता को सम्मानित करते हुए गौरवांवित महसूस करता है।

 

 
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