रायपुर। महिला सशक्तीकरण की मिसाल बन चुकी सत्यबाला अग्रवाल को आज छत्तीसगढ़ में कौन नहीं जानता है। अपने मजबूत इरादे और दृढ़ निश्चय के साथ सत्यबाला अग्रवाल ने 1994 में लक्ष्मी महिला नागरिक सहकारी बैंक की स्थापना की। उस वक्त किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक महिला बैंक का संचालन कर सकती है। ये सत्याबाला का आत्मविश्वास और लगन ही था कि बैंक के माध्यम से अबतक 22 हजार महिलाओं को 2 सौ करोड़ रुपए का लोन दे चुकी है।
बैंक का कुशल मार्गदर्शन करने के साथ सत्यबाला अग्रवाल में सेवा कार्य का ऐसा जुनून है कि वो हर साल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए जागरुकता शिविर लगाती हैं बैंक और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ सत्यबाला अग्रवाल अपने परिवार के लिए भी प्रर्याप्त समय निकालती है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य के लिए IBC24 ने सत्यबाला अग्रवाल को सम्मानित किया।
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सत्यबाला अग्रवाल, महिलाओं के आर्थिक सुधार की दिशा में काम करने वाली एसी शख्सियत है। जिन्हें आज छत्तीसगढ़ में हर कोई जानता है। शुरु से ही सेवा कार्य में रुची रखने वाली सत्यबाला अग्रवाल ने 1994 को लक्ष्मी महिला नागरिक सहकारी बैंक की स्थापना की। मात्र 25 लाख रुपए की अंशपूंजी और 2016 सदस्यों से शुरू हुआ, जो अब 100 करोड़ रुपए से अधिक की जमापूंजी और 17000 सदस्यों के स्तर पर पहुंच चुका है। एक गृहणी के रुप में कार्य करते हुए सत्याबाला अग्रवाल ने बैंक की स्थापना की।
उस समय किसी ने सोचा नहीं था एक महिला बैंक का संचालन भी कर सकती है, लेकिन आज 25 साल से अधिक समय बीत गया है। बैंक को सफलता पूर्वक चलते हुए अपने बैंक के माध्यम से सत्यबाला अग्रवाल ने अब तक करीब 22000 महिलाओं को 200 करोड़ रुपये का ऋण का वितरण किया है। सत्यबाला अग्रवाल की खास बात यह है की उन्होंने हमेशा महिलाओं को आर्थिक रुप से मजबूत करने की दिशा में काम किया है। उनके कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में यह बैंक, चाहे वह महिलाओं के सामाजिक आर्थिक उन्नयन, आत्मनिर्भरता, स्वरोजगार के लिए हो, चाहे भूकंप अथवा बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए हो, गरीब एवं श्रमिक बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ की बात हो सदैव आगे रहा है।
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सेवा कार्य का जूनून इनमें इतना अधिक है कि वे हर साल गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए गणवेश, पुस्तक, कापी, पेन्सिल वितरण, महिलाओं के लिए महिला जागरुकता शिविर, नेत्रहीन व्यक्तियों को छड़ी वितरण, गरीब महिलाओं को गुमटी व्यवसाय हेतु कम ब्याज दर पर ऋण का वितरण करती है। बैंक और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ साथ सत्यबाला अग्रवाल अपने परिवार को भी मार्गदर्शन देती है और परिवार के लिए भी प्रर्याप्त समय देती है।
यही वजह है की आज परिवार में उनका फैसला अहम माना जाता है। न सिर्फ बैंक के काम-काज बल्की उनके साथ सामाजिक उत्थान के लिए किए जाने वाले सभी कार्यों में सत्याबाला अग्रवाल को उनकी बहुएं भी हमेशा साथ देती है। महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए वे हर साल खुद अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लक्ष्मी महिला नागरिक सहकारी बैंक के माध्यम से स्त्री शक्ती सम्मान समारोह का आयोजन कर चिकित्सा, शिक्षा, सहकारिता, लोककला-गायन, राजनितिक एवं साहित्यिक क्षेत्र में में उत्कृष्ट कार्य के लिए अलग अलग महिलाओं को सम्मानित करती आई है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में काम करने वाली शख्सियत को आईबीसी 24 की तरफ से भी सम्मानित किया गया।
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