गैरसैंण, 3 मार्च (भाषा) उत्तराखंड में 38115 उत्पाती बंदरों की नसबंदी करने के बाद उन्हें जंगलों में वापस छोड़ दिया गया है।
यहां विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को भाजपा सदस्य चंदन रामदास के एक सवाल के जवाब में वन एवं वन्यजीव मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि हरित प्राधिकरण और भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार नसबंदी के बाद बंदरों को उन्हीं क्षेत्रों में छोड़ा जा रहा है जहां से वे पकड़े गए थे । उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में अनुमानित तौर एक लाख पचास हजार बंदर हैं।
पढ़ें- APS यूनिवर्सिटी में 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ…
रावत ने कहा कि उत्पाती बंदरों को पकड़कर रखने के लिए प्रदेश में तीन स्थानों पर रेस्क्यू सेंटर बनाये गए हैं जिनके लिए पहली बार केंद्र से भी आर्थिक सहायता ली गई है। उन्होंने बताया कि कई राज्यों के प्रयोगों से सबक लेते हुए ये रेस्क्यू सेंटर बनाये गए हैं और इनमें 48 हजार बंदरों को रखा जा सकता है।
पढ़ें- ‘हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो कत्ल भी…
वन मंत्री ने हालांकि कहा कि सभी जिलों में बंदरों के लिए बंदरबाड़ा बनाए जाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ में एक बंदरबाड़ा बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
पढ़ें- दिल्ली नगरनिगम उपचुनाव में AAP का जलवा, जीत के बाद…
जबकि वर्तमान में राज्य के तीन स्थानों में बंदरबाड़े बनाये गए है। इससे पहले रामदास ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में बंदर किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद कर रहे हैं जिससे उनमें रोष व्याप्त है ।
राजस्थान में 13 लोकसभा सीट पर शाम पांच बजे तक…
34 mins agoयहां कार ने ट्रक को पीछे से मारी टक्कर, सड़क…
27 mins ago10th Board Result 2024 Date: 2 मई को जारी होगा…
35 mins ago