नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना महामारी फैलाने के बाद चीन कई देशों का विरोध झेल रहा है। इस बीच बाढ़ के कारण आर्थिक मार झेल रहे चीन में एक और बड़ा संकट उभरा है। यहां के एक सरकारी परमाणु संस्थान में एक साथ 90 परमाणु वैज्ञानिकों ने इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद चीन की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और इसे ब्रेन ड्रेन बताया है।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक आईएनइएसटी को एडवांस न्यूक्लियर एनर्जी और सेफ्टी टेक्नोलॉजी में काफी महारत हासिल है और यह संस्थान 200 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट में से जुड़ा रहा है। पूरे संस्थान में 600 वैज्ञानिक है और इनमें से 80 फीसदी पीएचडी डिग्री धारक है, हाल ही में यह संस्थान वर्चुअल न्यूक्लियर पावर प्लांट विकसित करने को लेकर चर्चा में रहा है। वहीं खबरों के मुताबिक आईएनइएसटी और इसके पैरंट संस्थान के बीच नियंत्रण की भी लड़ाई चल रही हैं।
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जानकारी के मुताबिक चीन के सबसे अच्छे दिमाग माने जाने वाले लोगों का संवेदनशील जानकारी तक एक्सिस है और अब उनके अचानक इस्तीफा देने से चीन की सरकार साजिश की आशंका जता रही है।
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दरअसल जिन वैज्ञानिकों ने इस्तीफा दिया है, वह सभी चीन के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी सेफ्टी टेक्नोलॉजी में कार्यरत थे, जो कि चीन के पूर्वी शहर हेफई में मौजूद है। यह संस्थान चीन के सरकारी चाइनीस एकेडमी ऑफ साइंस का एक हिस्सा है और चाइनीस एकेडमी ऑफ साइंस चीन का सबसे शीर्ष रिसर्च निकाय है।
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