बिहार चुनाव के दौरान लगभग 160 टन जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उत्पन्न हुआ | About 160 tonnes of biomedical waste generated during Bihar elections

बिहार चुनाव के दौरान लगभग 160 टन जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उत्पन्न हुआ

बिहार चुनाव के दौरान लगभग 160 टन जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उत्पन्न हुआ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:10 PM IST, Published Date : November 15, 2020/10:59 am IST

नयी दिल्ली, 15 नवम्बर (भाषा) कोविड-19 महामारी के बीच हाल में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मतदानकर्मियों और मतदाताओं द्वारा इस्तेमाल किये गये दस्ताने, फेस मास्क और सैनिटाइजर की खाली बोतलों के रूप में लगभग 160 टन जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उत्पन्न हुआ। राज्य के चुनाव अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

महामारी के बीच हुए चुनावों में मतदाताओं, चुनावकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के वास्ते चुनाव आयोग ने मतदान और सुरक्षाकर्मियों के लिए 18 लाख फेस शील्ड, 70 लाख फेस मास्क, एक बार इस्तेमाल होने वाले रबड़ के 5.4 लाख दस्ताने खरीदे थे और ईवीएम का बटन दबाने और मतदान केन्द्रों में रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के लिए मतदाताओं के वास्ते एक बार इस्तेमाल होने वाले पॉलिथीन के 7.21 करोड़ दस्ताने खरीदे थे। सैनिटाइजर की कुल 29 लाख बोतलें भी खरीदी गई थीं।

बिहार में चुनाव आयोग और चुनाव अधिकारियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार चुनाव से एक दिन पहले और चुनाव के दिन तीन बाद मतदान केंद्रों को कीटाणु मुक्त (सैनिटाइज) किया जाना था।

बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने तीन चरण के चुनाव के लिए ‘‘कोविड सुरक्षा सामग्री’’ पर निर्णय लेने के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग की मदद मांगी थी।

बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एच आर श्रीनिवास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘उन्हें सुरक्षा सामग्री के निपटान के लिए भी प्रशिक्षित किया गया था।’’

उन्होंने कहा कि लगभग 160 टन जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उत्पन्न हुआ था।

श्रीनिवास ने बताया, ‘‘सभी जिलों में उसकी जैव चिकित्सा अपशिष्ट (बीएमडब्ल्यू) निपटान एजेंसी है। चुनौती यह थी कि एजेंसी स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों से बीएमडब्ल्यू को उठाएगी, लेकिन मतदान केंद्रों से नहीं उठाएगी। इसके बाद जिलों ने बीएमडब्ल्यू श्रमिकों को नियुक्त किया।’’

मतदान के दिन श्रमिकों ने इस्तेमाल किये गये मास्क, दस्ताने और सैनिटाइजर की बोतलों के निस्तारण के लिए प्रत्येक मतदान केन्द्र पर पीले रंग के दो कूड़ेदानों को रखा।

बीएमडब्ल्यू श्रमिकों और एक वाहन के साथ एक टीम को 10 से 15 मतदान केन्द्रों से जोड़ा गया। मतदान समाप्त होने के बाद टीम को मतदान केन्द्रों से इन कूड़ेदानों को उठाना था और इन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) लाना था। पीएचसी से कचरे को पॉलीथिन बैग में निस्तारण के लिए ले जाया गया।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश

 

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