रेमडेसिविर बनाने वाली सभी कंपनियों को दवा बेचने की अनुमति दी जाए, अदालत ने याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा | All companies manufacturing remadesivir slated to be allowed to sell medicines, court seeks Centre's response to petition

रेमडेसिविर बनाने वाली सभी कंपनियों को दवा बेचने की अनुमति दी जाए, अदालत ने याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

रेमडेसिविर बनाने वाली सभी कंपनियों को दवा बेचने की अनुमति दी जाए, अदालत ने याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : May 3, 2021/9:06 am IST

नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र और विभिन्न दवा कंपनियों से उस जनहित याचिका पर जवाब देने को कहा जिसमें रेमडेसिविर बनाने वाली सभी दवा कंपनियों को घरेलू बाजार में इसकी बिक्री करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है।

इस दवा का इस्तेमाल कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए किया जाता है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने इस याचिका पर स्वास्थ्य मंत्रालय, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), विदेश व्यापार महानिदेशक और सिप्ला, जाइडस एवं कैडिला जैसी विभिन्न दवा कंपनियों को नोटिस जारी किये। इस याचिका में दावा किया गया है कि केवल कुछ ही कंपनियों को घरेलू बाजार में दवा बेचने की अनुमति है।

याचिकाकर्ता दिनकर बजाज ने कहा कि शेष कंपनियां निर्यात करने के लिए यह दवा बनाती थीं।

उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर का निर्यात केंद्र ने प्रतिबंधित कर दिया है और निर्यात के लिए यह दवा बनाने वाली कंपनियों को इसे बनाने एवं घरेलू बाजार में बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए।

दिल्ली उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव एवं वकील बजाज ने दावा किया कि देश में 25 से अधिक कंपनियां यह दवा बनाती हैं, लेकिन इनमें से केवल छह से आठ कंपनियों को ही घरेलू बाजार में इसकी बिक्री करने की अनुमति है और शेष केवल निर्यात के लिए इसे बना रही थीं।

वकील अमित सक्सेना और इमरान अली की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है, ‘‘इस बात का उल्लेख करना उचित होगा कि रेमडेसिविर की कमी के कारण इसकी कालाबाजारी हो रही है और ऐसा करने वाले लोग इसकी अनुपलब्धता के कारण एक लाख रूपये प्रति शीशी तक वसूल रहे हैं।’’

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 30 अप्रैल को जरूरी दवाओं की बिक्री के मुद्दे पर सुनवाई की थी और इस संबंध में केंद्र को निर्देश दिये थे।

सक्सेना ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत का आदेश मुख्य रूप से टीकों की बिक्री के संबंध में था।

याचिका में यह भी कहा गया कि निर्यात के लिए बंदरगाह पर दवाओं की बहुत सारी खेप पड़ी हुई है और घरेलू बाजार में इसकी बिक्री की जा सकती है।

भाषा सुरभि अनूप

अनूप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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