अहमदाबाद, 11 सितंबर (भाषा) केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वडोदरा स्थित मेफेयर लेजर्स लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ बैंक ऑफ इंडिया के साथ कथित रूप से 54.19 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।
बृहस्पतिवार को सीबीआई के गांधीनगर कार्यालय में दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार यह फर्म 2011 में भटनागर परिवार ने शुरू की थी जो डायमंड पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआईएल) को नियंत्रित करते हैं।
राष्ट्रीयकृत बैंक ने सीबीआई को अपनी शिकायत में फर्म और उसके निदेशकों पर ‘‘आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और फर्जीवाड़े के लिए धोखाधड़ी’’ करने का आरोप लगाया है।
सीबीआई ने 2018 में डीपीआईएल के प्रवर्तकों(प्रमोटर) के खिलाफ 11 बैंकों के गठजोड़ को कथित रूप से धोखा देने और 2,600 करोड़ रुपये के ऋण से संबंधित घपला करने का मामला दर्ज किया था। 2019 में डीपीआईएल के प्रवर्तक (प्रमोटर) अमित भटनागर, सुमित भटनागर और उनके पिता सुरेश भटनागर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
अब, बैंक ऑफ इंडिया ने मेफेयर लेजर्स पर पांच सितारा होटल के निर्माण के लिए स्वीकृत ऋण का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
प्राथमिकी में नामजद आरोपियों में माधुरिलता सुरेश भटनागर, मोना ए भटनागर, ऋचा ए भटनागर और नमो नारायण भटनागर शामिल हैं।
बैंक ऑफ इंडिया ने वड़ोदरा में पांच सितारा होटल बनाने के लिए कंपनी को कुल 112.93 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के लिए 2012 में 63 करोड़ रुपये का सावधि ऋण मंजूर किया था।
भाषा शुभांशि माधव
माधव
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