(के जे एम वर्मा)
बीजिंग, चार सितंबर (भाषा) भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि देने के लिए अनेक गणमान्य नागरिक तथा राजदूत यहां भारतीय दूतावास पहुंचे, जिनमें चीन के उप विदेश मंत्री लुओ झाओहुई भी शामिल थे।
मुखर्जी (84) का सोमवार को नयी दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था। वह 21 दिन से अस्पताल में भर्ती थे।
बीजिंग में भारतीय दूतावास ने तीन से चार सितंबर को भारतीय समुदाय के सदस्यों, चीन सरकार तथा स्थानीय राजनयिक मिशनों के प्रतिनिधियों के लिए शोक-संदेश पुस्तिका रखी थी।
भारत में चीन के पूर्व राजदूत लुओ ने बृहस्पतिवार को भारतीय मिशन जाकर पुस्तिका पर हस्ताक्षर किये। दूतावास ने यह ट्वीट किया।
इससे पहले चीन ने मुखर्जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि वह दिग्गज राजनेता थे और उनके निधन से भारत-चीन की मित्रता को बहुत नुकसान हुआ है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मंगलवार को यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी भारत के दिग्गज राजनेता थे। 50 वर्ष की राजनीतिक यात्रा में उन्होंने चीन-भारत संबंधों में सकारात्मक योगदान दिया।’’
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की 2014 में हुई भारत यात्रा और मुखर्जी से उनकी मुलाकात का जिक्र करते हुए चुनयिंग ने कहा कि बैठक के बाद दोनों देशों ने करीबी विकास साझेदारी के निर्माण के लिए संयुक्त बयान जारी किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत और चीन की मित्रता तथा भारत के लिए भारी क्षति है। हम उनके निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हैं और भारत सरकार तथा उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।’’
भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने कहा कि लुओ के अलावा बीजिंग में रूस, यूरोपीय संघ तथा अफ्रीका समेत अनेक देशों के राजनयिकों ने भारतीय दूतावास में आकर शोक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किये।
भाषा वैभव दिलीप
दिलीप
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