नयी दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने नियामकीय व्यवस्था को मजबूत और प्रभावी बनाने के लिये अपनी प्रक्रियाओं को दुरूस्त करने तथा क्षेत्रीय स्तर पर मौजूदगी की योजना बनायी है।
प्रतिस्पर्धा निरोधक गतिविधियों पर अंकुश लगाने और निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी निभा रहा सीसीआई नियामक के रूप में कामकाज को सुदृढ़ करने के लिये कई कदम उठा रहा है।
सीसीआई के चेयरपर्सन अशोक कुमार गुप्ता ने कोरोना वायरस महामारी के बीच मिली सीख और नये साल की योजना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि नियामक को इस प्रकार की स्थिति से उत्पन्न चुौतियों से निपटने के लिये गतिशील बनना होगा।
उन्होंने पीटीआई-भाषा को ई-मेल के जरिये दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘आने वाले समय में 2021 में आपको सीसीआई-2 दिखने को मिल सकता है जहां प्रक्रियाओं को दुरूस्त किया जाएगा। साथ ही फइलिंग कागज रहित होगी। ‘ऑनलाइन’ बैठकें आम चलन होगी। साथ ही सीसीआई की क्षेत्रीय स्तर पर भी मौजूदगी होगी।’’
हाल में, नियामक ने गैर-प्रतिस्पर्धा समझौतों से संबंधित कुछ खुलासा आवश्यकताओं के साथ अपने नियमों को सुव्यवस्थित किया है। यह देश में कारोबार सुगमता के लिये किये जा रहे प्रयासों का हिस्सा है।
वर्ष 2020 में सीसीआई को 85 संयुक्त फाइलिंग प्राप्त हुई जिनमें से 74 को मंजूरी मिल गई जिनमें के लिये उपचार भी दिया गया।
भाषा
रमण महाबीर
महाबीर
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