नयी दिल्ली,23 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय में बृहपतिवार को एक जनहित याचिका दायर कर वस्तुओं एवं सेवाओं की समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्यों को प्रत्येक सार्वजनिक सेवा विभाग में नागरिक घोषणापत्र लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया।
याचिका में दलील दी गई है कि घोषणापत्र (चार्टर) यह स्पष्ट संदेश देगा कि केंद्र भ्रष्टाचार रोकने और नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नागरिक घोषणापत्र एक ऐसा दस्तावेज है, जिसमें संगठनों या सेवा प्रदाताओं द्वारा गुणवत्तापूर्ण, उच्च मानक वाली सेवाएं और शिकायत निवारण के लिए तंत्र उपलब्ध कराने का विवरण होता है।
भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने जनहित याचिका में कहा है, ‘‘एक मजबूत और कारगर नागरिक घोषणापत्र यह स्पष्ट संदेश देगा कि सरकार भ्रष्टाचार रोकने एवं नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह भ्रष्ट अधिकारियों को चेतावनी देगा कि लोगों का विश्वास तोड़े जाने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कार्यपालिका को अवश्य ही इसे व्यवस्थित तरीके से लागू करना चाहिए ताकि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए कानूनी एवं नियामक ढांचे को मजबूत किया जा सके। ’’
याचिका में कहा गया है, ‘‘यह ईमानदारी, कानून का शासन को सम्मान, विकास कार्य करने में जवाबदेही,पारदर्शिता और भारत को बेहतर स्थान बनाने की अहमियत पर जोर देगा। इसतरह, कानून का शासन और जीवन, स्वतंत्रा एवं गरिमा के अधिकार का संरक्षक होने के नाते न्यायालय केंद्र को नागरिक घोषणपत्र लागू करने का निर्देश दे सकता हैं’’
अधिवक्ता अश्विनी कुमार दूबे के मार्फत दायर याचिका में विधि आयोग को ‘वस्तुओं एवं सेवाओं की समयबद्ध आपूर्ति तथा उनकी शिकायताओं के निवारण के लिए नागरिक अधिकार विधेयक,2011’ की पड़ताल करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
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सुभाष अनूप
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