जहाजरानी महानिदेशालय अब राष्ट्रीय जहाजरानी पुनर्चक्रण प्राधिकरण के तौर पर अधिसूचित | Directorate General of Shipping now notified as National Shipping Recycling Authority

जहाजरानी महानिदेशालय अब राष्ट्रीय जहाजरानी पुनर्चक्रण प्राधिकरण के तौर पर अधिसूचित

जहाजरानी महानिदेशालय अब राष्ट्रीय जहाजरानी पुनर्चक्रण प्राधिकरण के तौर पर अधिसूचित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : October 15, 2020/1:50 pm IST

नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) सरकार ने जहाजरानी महानिदेशालय को बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय जहाजरानी पुनर्चक्रण प्राधिकरण के तौर पर अधिसूचित कर दिया।

आधिकारिक बयान के मुताबिक पोत पुनर्चक्रण अधिनियम 2019 के तहत देश में जहाजों के पुनर्चक्रण उद्योग के लिए जहाजरानी महानिदेशालय शीर्ष संस्था होगी। राष्ट्रीय प्राधिकरण का कार्यालय गुजरात के गांधीनगर में स्थापित किया जाएगा।

पोत परिवहन मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘‘ केंद्र सरकार ने जहाजरानी महानिदेशालय को राष्ट्रीय जहाजरानी पुनर्चक्रण प्राधिकरण के तौर पर अधिसूचित किया है। इसे पोत पुनर्चक्रण अधिनियम 2019 की धारा तीन के तहत शीर्ष इकाई बनाया गया है।’’

शीर्ष इकाई के तौर पर जहाजरानी महानिदेशालय के पास पोत पुनर्चक्रण से जुड़ी सभी गतिविधियों के कामकाज, पर्यवेक्षण और निगरानी की शक्ति होगी।

महानिदेशालय जहाजों के पुनर्चक्रण उद्योग के लिए टिकाऊ विकास, निगरानी, सुरक्षा, स्वास्थ्य मानकों और पर्यावरण अनुकूलता का ध्यान रखेगा। उद्योग के लिए कंपनियों और राज्य सरकारों के लिए अनिवार्य अनुमतियां देने के लिए महानिदेशालय शीर्ष इकाई होगी।

पोत पुनर्चक्रण अधिनियम 2019 के तौर पर भारत ने पोत पुनर्चक्रण के लिए हांगकांग संधि को स्वीकार किया है। यह अंतरराष्ट्रीय समुद्री परिवहन संगठन (आईएमओ) के तहत कार्य करता है।

भारत की ओर से जहाजरानी महानिदेशक आईएमओ में प्रतिनिधि होंगे। आईएमओ के सभी नियम लागू करने का काम भी उन्हीं के पास होगा।

भारत में पोत पुनर्चक्रण से करीब 90,000 प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने का अनुमान है।

भाषा

शरद महाबीर

महाबीर

 

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