हाइपरलूप प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन भारत के लिये परिवहन क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि होगी: सारस्वत | Display of Hyperloop technology will be a major achievement for India in the transport sector: Saraswat

हाइपरलूप प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन भारत के लिये परिवहन क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि होगी: सारस्वत

हाइपरलूप प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन भारत के लिये परिवहन क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि होगी: सारस्वत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : February 18, 2021/2:06 pm IST

नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश अगर अगले चार-पांच साल में अधिक तीव्र गति की यात्रा के लिये हाइपरलूप प्रौद्योगिकी को लेकर प्रदर्शन स्वरूप इकाई लगाता है, तब निश्चित रूप से भारत के लिये बड़ी उपलब्धि होगी।

हाइपरलूप प्रौद्योगिकी परिवहन की नई तीव्र व्यवस्था है। इसमें निम्न वायु दाब के साथ बंद ट्यूब प्रणाली में पौड (हाइपलूप में उपयोग होने वाले वाहन) को चलाया जाता है। वर्जिन हाइपरलूप तकनीक की प्रौद्योगिकी और वाणिज्यिक व्यावहार्यता का अध्ययन करने के लिये गठित समिति के अध्यक्ष सारस्वत ने यह भी कहा कि देश में प्रौद्योगिकी को आत्मानिर्भर भारत पहल का हिस्सा होना है।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘अगले चार-पांच साल में अगर हम महाराष्ट्र में हाइपरलूप प्रौद्योगिकी की प्रदर्शन इकाई स्थापित कर सके, इसका दायरा बढ़ने से पहले इसको सीखना हमारे लिये बड़ी उपलब्धि होगी।’’

वर्जिन हाइपरलूप परीक्षण अमेरिका के लास वेगास में नौ नवंबर, 2020 को 500 मीटर ट्रैक पर किया गया। इसमें पौड में एक भारतीय समेत यात्रियों को लेकर वाहन 161 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ा।

वर्जिन हाइपरलूप उन कुछ कंपनियों में शामिल है जो यात्रा के लिये इस प्रकार की प्रणाली पर काम कर रही है।

महाराष्ट्र ने हाइपरलूप को एक सार्वजनिक अवसंरचना का हिस्स माना है और मुंबई-पुणे हाइपरलूप परियोजना के लिए मूल परियोजना प्रस्तावक के रूप में वर्जिन हाइपरलूप-डीपी वर्ल्ड समूह को मंजूरी दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम फिलहाल केवल एक प्रदर्शन स्वरूप प्रयोग की योजना बना रहे हैं…।’’

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व प्रमुख सारस्वत ने यह भी कहा कि भारत में हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के उपयोग में समय लगेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योागगिकी अभी पूरी तरह से तैयार नहीं है। इसमें सुरक्षा का मसला है। आर्थिक मुद्दे हैं। आत्मनिर्भर से जुड़ा मसला है यानी आखिर देश में इस मामले में विनिर्माण को लेकर क्या किया जा सकता है।’’

सारस्वत ने कहा कि वह नहीं चाहते कि 99 प्रतिशत प्रौद्योगिकी का आयात किया जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘इसे आत्मनिर्भर भारत का हिस्सा बनाया जाना है और भारत में विकसित, डिजाइन और तैयार होना चाहिए।’’

इससे जुड़ी समिति में नीति आयोग में सलाहकार (बुनियादी ढांचा संपर्क) सुधेन्दु ज्योति सिन्हा शामिल हैं। इसके अलावा रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी वी के यादव, आवास और शहरी मामलों तथा सड़क परिहन एवं राजमार्ग मंत्रालयों के सचिव एवं महाराष्ट्र सरकार के परिवहन सचिव शामिल हैं।

इसमें डीआरडीओ के चेयरमैन, दिल्ली मेट्रो के प्रबंध निदेशक, आईआईटी दिल्ली के निदेशक और चेयरमैन भी हैं।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर

 

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