रद्दी कागज की कीमतें दोगुनी होने से कागज, गत्ता उद्योग के समक्ष संकटः आईएआरपीएमए | Doubling of scrap paper prices is a crisis before paper, cardboard industry: IRPMA

रद्दी कागज की कीमतें दोगुनी होने से कागज, गत्ता उद्योग के समक्ष संकटः आईएआरपीएमए

रद्दी कागज की कीमतें दोगुनी होने से कागज, गत्ता उद्योग के समक्ष संकटः आईएआरपीएमए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:47 PM IST, Published Date : March 5, 2021/2:52 pm IST

नयी दिल्ली, पांच मार्च (भाषा) देश में कागज और गत्ते के उत्पादन में 65 से 70 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी रखने वाले रद्दी कागज पर आधारित उद्योग इन दिनों अप्रत्याशित संकट का सामना कर रहा है।

इनके प्रमुख कच्चे माल यानी रद्दी कागज की कीमतें पिछले छह महीने में दोगुनी हो गई हैं। इंडियन एग्रो एंड रिसाइकिल्ड पेपर मिल्स एसोसिएशन (आईएआरपीएमए) ने एक विज्ञप्ति यह बात कही है।

वाणिज्य मंत्रालय को लिखे पत्र में आईएआरपीएमए ने कहा कि देश में सालाना 2.5 करोड़ टन कागज का उत्पादन होता है। इसमें से करीब 1.7 करोड़ टन कागज का उत्पादन रद्दी कागज आधारित पेपर मिलें करती हैं। रद्दी कागज की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण कागज उत्पादन में किसी भी तरह की कमी से लिखने, छपाई करने, अखबारी कागज और पैकेजिंग इंडस्ट्री पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।

कोरोना से पहले 10 से 13 रुपये प्रति किलो वाले रद्दी कागज की कीमतें 22 से 24 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई हैं, जिससे उद्योग पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। क्राफ्ट वेस्ट पेपर की कीमतें भी 22 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई हैं, जो कोरोना से पहले की अवधि में 10 रुपये प्रति किलो के स्तर पर थीं।

आईएआरपीएमए ने सरकार से हस्तक्षेप करने और गोदामों व रद्दी कागज के स्टॉक केंद्रों पर छापे मारकर अवैध जमाखोरी पर नियंत्रण की अपील की है। संगठन ने आगे कहा, ‘कुछ आपूर्तिकर्ताओं द्वारा देश में रद्दी कागज की कृत्रिम कमी का माहौल बनाने के दुष्प्रयास खत्म किये जाने चाहिए, जिससे कागज विनिर्माता और कागज उपभोक्ताओं पर अनावश्यक दबाव न पड़े।’

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers