ईडी ने नोटबंदी पीएमएलए मामले में सूरत के सर्राफा व्यपारी की संपत्ति कुर्क की | ED attached property of Surat bullion trader in Demonetisation PMLA case

ईडी ने नोटबंदी पीएमएलए मामले में सूरत के सर्राफा व्यपारी की संपत्ति कुर्क की

ईडी ने नोटबंदी पीएमएलए मामले में सूरत के सर्राफा व्यपारी की संपत्ति कुर्क की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : December 17, 2020/2:42 pm IST

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिग के एक मामले में सूरत के सर्राफा व्यापारी की 1.12 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। यह मामला 2016 की नोटबंदी से जुड़ा है जिसमें सर्राफा व्यापारी और उससे जुड़े अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिग की जांच चल रही है। एजेंसी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि ज्ञानदीप सहकारी आवास समिति में 97.85 वर्गमीटर का एक फ्लैट और गुजरात के हीरा कारोबार के शहर सूरत में 1,800 वर्गफुट की दुकान जिसकी कीमत 94.12 लाख रुपये आंकी गई है को अस्थाई रूप से कुर्क किया गया है। इसके अलावा शाह मगनलाल गुलाबचंद चोकसी- फर्म की 18 लाख रुपये की सावधि जमा राशि को भी मनी लाड्रिग रोधी कानून के तहत अस्थाई तौर पर जब्त किया गया है।

कंपनी के प्रवर्तक सर्राफा कारोबारी हेमांशु आर शाह हैं। कुर्क की गई कुल संपत्ति का मूल्य 1.12 करोड़ रुपये है।

ईडी की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि यह मामला तब प्रकाश में आया जब शाह ने नीरव एण्ड कंपनी के खाते में 2016 में नोटबंदी के समय बंद कर दिये गये नोटों में 36.14 करोड़ रुपये की राशि जमा कराई। यह खाता सूरत के पीपुल्स को-आपवरेटिव बैंक में था।

गौर तलब हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को उस समय प्रचलन में रहे 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी थी।

ईडी का आरोप है कि ‘‘जैसी ही यह राशि जमा कराईगई उसके तुरंत बाद 34.82 करोड़ रुपये की राशि उनकी कंपनी शाह मगनलाल गुलाबचंद चोकसी में स्थानांतरित कर दी गई। इस धन हस्तांतरण को वाजिब दिखाने के लिये सोना, चांदी बिक्री के ‘‘फर्जी’’ बिल बनाये गये।

ईडी ने इस समूचे मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो की प्राथमिक सूचना रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद शाह, चोककास और सूरत पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआईने आयकर विभाग की जांच के आधार पर मामला दर्ज किया था।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर

 

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