कभी भुखमरी पर्याय रहे कालाहांडी से अब हो रहा है उच्च गुणवत्ता वाले कपास का निर्यात | Exports of high quality cotton are now happening from Kalahandi, which has been synonymous with hunger

कभी भुखमरी पर्याय रहे कालाहांडी से अब हो रहा है उच्च गुणवत्ता वाले कपास का निर्यात

कभी भुखमरी पर्याय रहे कालाहांडी से अब हो रहा है उच्च गुणवत्ता वाले कपास का निर्यात

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : February 25, 2021/1:32 pm IST

भवानीपटना (ओडिशा), 25 फरवरी (भाषा) ओडिशा के कालाहांडी जिले का नाम 1980 के दशक में ‘भुखमरी’ का पर्याय बन गया था लेकिन उसी इलाके अब उच्च गुणवत्ता की कपास पैदा की जा रही है बड़ी मात्रा में मालगाड़ी पर लद कर देश से बाहर जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि कालाहांडी से पड़ोसी बांग्लादेश को उच्च गुणवत्ता वाले कपास का निर्यात शुरू कर दिया है।

अधिकारियों ने कहा कि हालांकि, पहले थोड़ी बहुत कपास लॉरी से बांग्लादेश भेजी जाती थी। बुधवार को पहली बार भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने जिले के जूनागढ़ रोड रेलवे स्टेशन से एक मालगाड़ी के माध्यम से बांग्लादेश को कपास की बड़ी खेप भेजी गयी।

उन्होंने कहा कि मालगाड़ी 6,500 गांठ कपास के साथ कोलकाता के रास्ते बांग्लादेश के बेनापोल स्टेशन तक जायेगी। इसमें कपास का वजन लगभग 2,471 टन है।गांठों को 42 वैगनों में लादा गया है।

ईस्ट कोस्ट रेलवे, संबलपुर डिवीजन के डिवीजनल मैनेजर प्रदीप कुमार ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश को इस बड़ी खेप को भेजने के लिए डिवीजन के अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रयास सराहनीय है।

कालाहांडी राज्य का प्रमुख कपास उत्पादक जिला है और इस बार जिले में 60,575 हेक्टेयर जमीन पर कपास उगायी गयी थी। जिले के भवानीपटना, केसिंगा, गोलमुंडा, नरला, करलामुंडा और लांजीगढ़ प्रखंड कपास की खेती में आगे हैं।

जिला कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार जिले में अब तक 5,50,576 क्विंटल बीज सहित कपास की खरीद करलापाड़ा, उत्केला और उचला में स्थित तीन कपास मंडियों के माध्यम से की जा चुकी है।

ओडिशा में कपास की खेती पहली बार 2016-17 में ओडिशा में शुरू की गई थी। अब यह काफी लोकप्रिय हो ती जा रही है।

भाषा राजेश राजेश मनोहर

मनोहर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers