हापुड़(उप्र), एक मार्च (भाषा) केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश किसान मजदूर मोर्चा गांवों में अनशन शुरू करेगा। इसके तहत प्रत्येक दिन गांव के पांच लोग अनशन करेंगे और नुक्कड़ सभा की जाएगी।
मोर्चा के प्रवक्ता मुकुल त्यागी एडवोकेट ने संवाददाताओं से कहा कि पिछले तीन माह से दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहने के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली, इसलिए आंदोलन के नए स्वरूप के तहत प्रत्येक गांव, किसान व मजदूर को इससे जोड़ने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोर्चे में शामिल 22 संगठनों के लोग सरकार को जगाने का काम करेंगे और बताएंगे कि ये कानून किसानों के खिलाफ है।
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मुकुल त्यागी ने कहा, ‘‘कई किसान व मजदूर कानून के विरोध में चल रहे धरने में नहीं जा सकते हैं, इसलिए अब हर गांव में प्रतिदिन पांच लोग सुबह नौ से शाम पांच बजे तक अनशन करेंगे। गांवों में नुक्कड़ सभा कर कानून के नुकसान के बारे में बताया जाएगा।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘अनशन पर बैठने वाले किसान दो-दो मिनट का अपना परिचय सहित वक्तव्य प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को सोशल मीडिया के माध्यम से भेंजेंगे। सप्ताह में एक दिन किसानों-गांव से अनाज आदि एकत्र कर भंडारा किया जाएगा।’’ उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के 22 किसान संगठनों ने मिलकर उत्तर प्रदेश किसान मजदूर मोर्चा का गठन किया गया है जिसकी घोषणा 23 फरवरी को प्रेस क्लब दिल्ली में की गई थी।