नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लि. (एफआरएल) ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि रिलायंस के साथ उसके 24,713 करोड़ रुपये के कारोबार को बेचने के सौदे का अमेजन इसलिए विरोध कर रही है क्योंकि वह (रिलायंस) उसकी बाजार प्रतिद्वंद्वी है।
अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी ने हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसकी रुचि एफआरएल को उबारने में है।
एफआरएल ने बृहस्पतिवार को मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष कहा कि अमेजन को इस बात की चिंता नहीं है कि यदि यह सौदा नहीं हो पाता है, तो भारतीय कंपनी की सभी दुकानें बंद हो जाएंगी और 25,000 कर्मचारियों की आजीविका छिन जाएगी।
एफआरएल की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने अदालत को बताया कि अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी की एकमात्र चिंता इस बात को लेकर है कि मुकेश अंबानी की कंपनी को ये दुकानें नहीं मिल पाएं क्योंकि वह अमेजन की प्रतिद्वंद्वी है।
हालांकि, अमेजन की ओर से उपस्थित वरिष्ठ वकीलों गोपाल सुब्रमण्यम और राजीव नायर ने कहा कि हम चाहते हैं कि भारतीय कंपनी डूबे नहीं है। हमारी रुख अब भी उसे उबारने में है।
अमेजन ने कहा कि एफआरएल द्वारा एकल जज के दो फरवरी के आदेश के खिलाफ की गई अपील टिकने योग्य नहीं है।
एफआरएल ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में एकल न्यायाधीश के उस आदेश के खिलाफ अपील की थी, जिसमें कंपनी को रिलायंस रिटेल के साथ अपने 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा गया था।
एफआरएल ने नायक एंड नायक एंड कंपनी तथा अधिवक्ता हर्षवर्धन झा के जरिये दायर याचिका में कहा है कि दो फरवरी के यथास्थिति आदेश से पूरी योजना पटरी से उतर जाएगी।
भाषा अजय अजय मनोहर
मनोहर
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