नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) गाजियाबाद नगर निगम का देश का पहला हरित बांड बृहस्पतिवार को बीएसई में सूचीबद्ध हुआ।
उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद नगर निगम ने हरित बांड जारी कर 150 करोड़ रुपये जुटाये। राशि का उपयोग पानी के फिर से उपयोग के लिये तृतीयक जल शोधन संयंत्र में किया जाएगा ताकि जिले के उद्योगों को इससे लाभ हो सके।
निगम को नगर निगम बांड के जरिये पैसा जुटाने के लिये केंद्र सरकार से 19.5 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन भी मिला।
नगर निगम के अनुसार बांड के लिये बिक्री पेशकश के मुकाबले 401 करोड़ रुपये की बोलियां आयी।
गाजियाबाद नगर निगम (जीएमसी) के आयुक्त महेन्द्र सिंह तवर ने कहा, ‘‘बोलियां बोली वाले दिन कुछ ही मिनटों में आ गयीं और वह भी प्रतिस्पर्धी ब्याज दर 8.10 प्रतिशत पर। यह देश में नगर निगम बांड के लिये न्यूनतम ब्याज दरों में से एक है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि यह देश में किसी नगर निगम द्वारा जारी पहला हरित बांड है।
बांड की सूचीबद्धता के मौके पर बीएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस के दौरान भी बांड और इक्विटी के जरिये 18.53 लाख करोड़ रुपये जुटाये गये।
उन्होंने कहा कि भारत में बाजार काफी बड़ा हो रहा है और शेयर बाजार देश के दूसरे निगमों को इस तरह से पूंजी जुटाने और सूचीबद्ध कराने में सहयोग करेगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री वी के सिंह ने कहा कि नगर निगमों द्वारा बांड के जरिये बाजार से पैसा जुटाने से उनके कामकाज में बदलाव आएगा। कुल मिलाकर इससे संचालन व्यवस्था में पूर्ण रूप से परिवर्तन आएगा।’’
सिंह गाजियाबाद के सांसद हैं।
बांड के जरिये जुटायी गयी राशि का उपयोग दूषित जल शोधन संयंत्रों में किया जाएगा। इन संयंत्रों पर 239.93 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
भाषा
रमण मनोहर
मनोहर
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