डाटा का दुरुपयोग रोकने के लिए पर्याप्त रक्षोपाय करेगी सरकार : ई-कॉमर्स नीति का मसौदा | Govt to take adequate safeguards to prevent misuse of data: Draft e-commerce policy

डाटा का दुरुपयोग रोकने के लिए पर्याप्त रक्षोपाय करेगी सरकार : ई-कॉमर्स नीति का मसौदा

डाटा का दुरुपयोग रोकने के लिए पर्याप्त रक्षोपाय करेगी सरकार : ई-कॉमर्स नीति का मसौदा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:43 PM IST, Published Date : March 13, 2021/9:08 am IST

नयी दिल्ली, 13 मार्च (भाषा) सरकार किसी उद्योग के विकास के लिए डाटा (संग्रहीत आंकड़ों) के इस्तेमाल के सिद्धान्त तय करेगी। साथ ही अनधिकृत व्यक्तियों द्वारा डाटा के दुरुपयोग और पहुंच को रोकने के लिए पर्याप्य रक्षोपाय (सेफगार्ड) किए जाएंगे। राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति के मसौदे में यह प्रस्ताव किया गया है।

नीति में कहा गया है कि सरकार निजी और गैर-निजी डाटा पर नियमन तैयार करने की प्रक्रिया में है। अभी यह नीति विचार-विमर्श की प्रक्रिया में है।

मसौदे में कहा गया है कि औद्योगिक विकास के लिए डाटा साझा करने को प्रोत्साहित किया जाएगा। साझा करने की व्यवस्था के लिए डाटा के नियमन तय किए जाएंगे।

इसमें कहा गया है, ‘‘सरकार किसी उद्योग के विकास मसलन ई-कॉमर्स, उपभोक्ता संरक्षण, राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा और कानून के प्रवर्तन के लिए डाटा के इस्तेमाल के सिद्धान्त तय करेगी। इनमें कराधान भी शामिल हैं जहां ये सिद्धान्त पहले मौजूद नहीं हैं। साथ ही डाटा के दुरुपयोग को रोकने के लिए पर्याप्त रक्षोपाय किए जाएंगे।’’

मसौदे में कहा गया है कि सरकार मानती है कि डाटा एक महत्वपूर्ण परिसंपत्ति है। भारत के आंकड़ों का इस्तेमाल पहले भारतीय इकाइयां करेंगी।

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के शीर्ष अधिकारी की अध्यक्षता में शनिवार हुई अंतर-मंत्रालयी बैठक में मसौदे पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में कहा गया है कि ई-कॉमर्स परिचालकों को यह सुनिचित करना होगा कि उनके द्वारा इस्तेमाल ‘एल्गोरिदम’ पक्षपातपूर्ण नहीं हो।

इसमें कहा गया कि उपभोक्ताओं को बिक्री के लिए पेश वस्तुओं और सेवाओं से जुड़ी सभी जानकारियां मिलनी चाहिए। उन्हें इस बात की पूरी जानकारी दी जानी चाहिए कि संबंधित उत्पाद का मूल देश कौन सा है और भारत में इसमें क्या मूल्यवर्धन किया गया है।

मसौदे में कहा गया है कि उचित प्रतिस्पर्धा के लिए ई-कॉमर्स कंपनियां अपने मंच पर पंजीकृत सभी विक्रेताओं/वेंडरों के साथ समानता वाला बर्ताव करें।

मसौदे में कहा गया है कि इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके मंच पर बिकने वाले उत्पाद जाली नहीं हो। इसके लिए उन्हें रक्षोपाय करने होंगे। यदि ई-कॉमर्स कंपनी की मंच से जाली उत्पाद बेचा जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी ऑनलाइन कंपनी और विक्रेता की होगी।

भाषा अजय अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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