उत्तराखंड में ग्‍लेशियर टूटने के बाद उत्‍तर प्रदेश में हाई अलर्ट, प्रशासनिक सक्रियता बढ़ी | High alert, administrative activity increases in Uttar Pradesh after glacier breakdown in Uttarakhand

उत्तराखंड में ग्‍लेशियर टूटने के बाद उत्‍तर प्रदेश में हाई अलर्ट, प्रशासनिक सक्रियता बढ़ी

उत्तराखंड में ग्‍लेशियर टूटने के बाद उत्‍तर प्रदेश में हाई अलर्ट, प्रशासनिक सक्रियता बढ़ी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : February 7, 2021/4:10 pm IST

लखनऊ, सात फरवरी (भाषा) उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनज़र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश के संबंधित विभागों और अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया और घटना पर दुख प्रकट किया है।

मुख्‍यमंत्री के निर्देश के बाद गंगा किनारे बसे जिलों में प्रशासनिक सक्रियता बढ़ गई है और संबंधित जिलाधिकारियों ने अधिकारियों की बैठक बुलाकर आवश्‍यक तैयारी शुरू कर दी है।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को ट्वीट किया, ”देवभूमि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न हुई आपदा में अनेक नागरिकों के कालकवलित होने की सूचना से मन दुखी है।”

ट्वीट में आगे उन्‍होंने लिखा, ”प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति, शोकसंतप्त परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति व घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।”

रविवार को जारी एक सरकारी बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”आज उत्तराखंड में नंदा देवी ग्लेशियर के एक भाग के टूट कर ऋषिगंगा नदी पर बने जलविद्युत परियोजना बांध पर गिरने की सूचना प्राप्त हुई है। इससे अलकनंदा नदी में जल प्रवाह अचानक बढ़ गया है। बांध टूटने से उत्पन्न परिस्थितियों के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे स्थित जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गंगा नदी के किनारे स्थित जिलों के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को लगातार निगरानी के निर्देश दिये गये हैं। परिस्थितियों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्‍य आपदा मोचक बल को भी अलर्ट कर दिया गया है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रदेश में गंगा नदी के किनारे स्थित जिलों में जल स्तर की निरंतर निगरानी की जा रही है। जल स्तर बढ़ने की दशा में आवश्यकता पड़ने पर नदी किनारे बसे लोगों को वहां से अन्य स्थानों पर भेजा जाएगा। राहत और बचाव के लिए निर्देश दिये जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा,”संकट की इस घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार उत्तराखंड सरकार के साथ खड़ी है और उत्तराखंड सरकार को आवश्यकता पड़ने पर सभी आवश्यक मदद दी जाएगी।”

योगी ने लोगों से अपील की, ”किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें और न ही अफ़वाह फैलायें। स्वयं सतर्कता बरतने हुए लोग नदी के किनारे न जाएं। किसी विषम परिस्थिति के उत्पन्न होने पर जिला प्रशासन के साथ सहयोग करें। उत्तर प्रदेश सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है।”

सरकारी प्रवक्‍ता के अनुसार, इस बीच मुख्‍यमंत्री ने उत्‍तराखंड राज्‍य को हर प्रकार का संभव सहयोग उपलब्‍ध कराने के निर्देश भी दिए हैं।

शाहजहांपुर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने और बांध के टूट जाने के चलते जिले में गंगा नदी के किनारे कल्पवास कर रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है और गंगा के किनारे बसे ग्रामीणों को भी प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।

जिलाधिकारी इंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिले के मिर्जापुर थाना क्षेत्र में गंगा के ढाई घाट पर माघ माह में गंगा नदी के किनारे कल्पवास कर रहे तथा गंगा नदी के दोआब क्षेत्र में झोपड़ी डालकर रह रहे लगभग 100 कल्पवासियों को सुरक्षित ऊंचे स्थान पर पहुंचाया जा रहा है।

पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने बताया कि गंगा नदी के किनारे बसे पैलानी उत्तर, पंखिड़ा नगला समेत एक दर्जन गांव में पुलिस द्वारा लाउडस्पीकर से जानकारी दी जा रही है तथा उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचने को कहा जा रहा है। साथ ही इन लोगों के लिए शिविर की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा की जा रही हैl

उन्होंने बताया कि कलान मिर्जापुर तथा परौर थाने की पुलिस को ढाई घाट पर लगाया गया है ताकि कल्पवासियों को सुरक्षित ऊंचे स्थान पर पहुंचाया जा सके। ढाई घाट गंगा नदी पर इस समय तकरीबन 400 कल्पवासी रह रहे हैंl

वहीं, बलिया से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, जिला प्रशासन ने गंगा नदी के तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने को कहा है।

जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने बताया कि चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद बाढ़ विभाग के अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। गंगा किनारे बसे लोगों को भी सतर्क करने के लिए कहा गया है।

सिंचाई विभाग के बाढ़ खण्ड के सहायक अभियंता कमलेश कुमार ने बताया कि विभाग पूरी तरह सतर्क है। गंगा नदी के जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है। बलिया जिले में गंगा नदी खतरे के निशान से तकरीबन पांच मीटर नीचे बह रही है।

कन्‍नौज से मिली खबर के अनुसार, जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने रविवार होने के बावजूद सभी अधिकारियों को तलब किया और आपात बैठक बुलाई तथा गंगा तट के किनारे बसने वाले सभी गांवों में आपात स्थिति से निपटने के निर्देश दिए। बैठक में गोताखोरों को सतर्क किया गया है।

लेखपाल और ग्राम पंचायत सचिव को भी गंगा किनारे बसे गांवों में जाकर सभी को सतर्क रहने को कहा गया है। जिलाधिकारी ने भी महादेवी घाट पहुंच कर निरीक्षण किया और बैठक में गंगा किनारे बसे गांवों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी अफसरों को सौंपी।

जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने बताया कि पानी बढ़ने की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा तथा ग्रामीणों के रहने व खाने की उचित व्यवस्था की जाएगी।

भाषा आनन्द सं सलीम शफीक

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)