स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए जर्मनी के साथ काम करने को आशान्वित है भारत: श्रृंगला | India looking forward to working with Germany for independent Indo-Pacific region: Shringla

स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए जर्मनी के साथ काम करने को आशान्वित है भारत: श्रृंगला

स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए जर्मनी के साथ काम करने को आशान्वित है भारत: श्रृंगला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : June 10, 2021/9:39 am IST

नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए जर्मनी के साथ काम करने को लेकर आशान्वित है।

उन्होंने जर्मनी को यूरोपीय संघ में भारत के सबसे महत्वपूर्ण मित्रों में से एक बताया।

श्रृंगला ने कहा कि कोविड के बाद वैश्विक व्यवस्था को समान विचारों वाले देशों के इस दिशा में समन्वित प्रयासों की जरूरत होगी कि बहुपक्षवाद के सिद्धांतों तथा नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का सभी सम्मान करें।

वह भारत और जर्मनी के बीच कूटनीतिक संबंधों की शुरुआत के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल जर्मनी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए दिशा-निर्देश जारी करने वाला यूरोपीय संघ का दूसरा देश बन गया जिसका हम स्वागत करते हैं। हम एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अपने साझा दृष्टिकोण पर जर्मनी के साथ मिलकर काम करने को आशान्वित हैं।’’

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के मद्देनजर क्षेत्र में उभरती परिस्थितियां दुनिया की अग्रणी महाशक्तियों के बीच चर्चा का प्रमुख बिंदु बन गयी हैं। अनेक देश पहले ही क्षेत्र के लिए अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत कर चुके हैं।

श्रृंगला ने अपने बयान में कहा कि भारत और जर्मनी को अपनी रणनीतिक साझेदारी का स्तर और गुणवत्ता बढ़ानी चाहिए क्योंकि दोनों के पास विशेष ताकत है जिसे दुनिया में भलाई के लिए एक शक्ति के रूप में जोड़ा जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2000 में स्थापित भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी हर समय विस्तार लेते व्यापार और निवेश संबंधों से शक्ति प्राप्त करती है।’’

विदेश सचिव ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान तथा उच्चतर एवं व्यावसायिक शिक्षा जैसे क्षेत्रों में विस्तृत सहयोग ने भारत और जर्मनी के बीच छात्रों तथा पेशेवरों के आवागमन को भी विस्तार दिया है।

समारोह में एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया गया।

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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