नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री पॉल क्रुगमैन ने सोमवार को कहा कि भारत को फिर ‘लाइसेंस राज’ की ओर नहीं लौटना चाहिए और देश की नीति उद्योगों को आगे बढ़ाने वाली होनी चाहिए।
अशोक विश्वविद्यालय द्वारा डिजिटल तरीके से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्रुगमैन ने कहा कि भारत में आय असमानता का मुद्दा काफी गंभीर है।
उन्होंने कहा, ‘‘आप लाइसेंस राज की ओर नहीं लौटें। भारत जैसे देश की उद्योगों को बढ़ाने वाली सोची-समझी नीति होनी चाहिए।’’
लाइसेंस राज लाइसेंसों और नियमनों की ऐसी प्रणाली थी, जिन्हें देश में कारोबार करने वाली इकाइयों को पूरा करना होता था। 1991 में उदारीकरण नीति आने के साथ यह समाप्त हो गई।
यह पूछे जाने पर कि भारत श्रम-गहन उद्योगों में अच्छी स्थिति में क्यों नहीं है, क्रुगमैन ने कहा कि भारत की स्थिति इसके लिए अनुकूल नहीं है। भारत की आंतरिक भौगोलिक स्थिति इसकी एक वजह है। भारत के पास इस तरह का गैर-औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि भारत में अच्छा परिवहन ढांचा नहीं है। इससे कुछ समस्या पैदा हो सकती है।
क्रुगमैन ने कहा कि भारत ने श्रम-गहन क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, लेकिन सेवा क्षेत्र और उच्च कौशल वाले विनिर्माण क्षेत्र में भारत काफी सफल है।
भाषा अजय अजय रमण
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