चेन्नई: कोविशील्ड टीके के परीक्षण के दौरान उसके गंभीर दुष्प्रभाव पड़ने का पिछले साल आरोप लगाने वाले एक व्यक्ति की याचिका पर मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र सरकार और पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिए यह घोषित करने का अनुरोध किया है कि टीकाकरण के बाद उसने जिन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना किया, वह एक ‘गंभीर प्रतिकूल प्रभाव’ था, जैसा कि नयी औषधि एवं क्लीनिकल परीक्षण नियम, 2019 में परिभाषित है। उसकी याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति अब्दुल कुद्दहोस ने की।
याचिकाककर्ता, आसिफ रियाज (41) ने अदालत से कोविशील्ड टीके को असुरक्षित घोषित करने और उसे मुआवजे के तौर पर पांच करोड़ रुपये अदा करने का एसआईआई को निर्देश देने का भी अनुरोध किया है। उसके मुताबिक वह पिछले साल यहां एक अस्पताल में टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के दौरान स्वयंसेवी था और उसे एक अक्टूबर को यह टीका लगाया गया था।
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अदालत ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, डीसीजीआई, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक और एसआईआई के सीईओ तथा श्री रामचंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन ऐंड रिसर्च (जहां याचिकाकर्ता को टीका लगाया गया था) की नैतिकता समिति के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया। बहरहाल, अदालत ने विषय को 26 मार्च के लिए निर्धारित कर दिया।
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