मलेशिया के पूर्व पीएम महातिर ने लिया यू टर्न, कहा- मुस्लिमों को लाखों फ्रांसीसियों की हत्या करने के अधिकार वाली टिप्पणी को गलत समझा गया | Maharrow said his remarks about the France attacks were misunderstood

मलेशिया के पूर्व पीएम महातिर ने लिया यू टर्न, कहा- मुस्लिमों को लाखों फ्रांसीसियों की हत्या करने के अधिकार वाली टिप्पणी को गलत समझा गया

मलेशिया के पूर्व पीएम महातिर ने लिया यू टर्न, कहा- मुस्लिमों को लाखों फ्रांसीसियों की हत्या करने के अधिकार वाली टिप्पणी को गलत समझा गया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:46 PM IST, Published Date : October 31, 2020/5:16 am IST

कुआलालंपुर, 31 अक्टूबर (एपी)।  मलेशिया के पूर्व नेता महातिर मोहम्मद ने फ्रांस में मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा किए गए हमलों को लेकर की गई अपनी टिप्पणी पर विवाद उठने के बाद शुक्रवार को कहा कि उनकी बात को गलत समझा गया। महातिर ने अपना पोस्ट हटाने के लिए ट्विटर और फेसबुक की भी आलोचना की।

महातिर (95) ने बृहस्पतिवार को अपने ब्लॉग पर लिखा था कि ‘‘मुस्लिमों को पहले के नरसंहारों के लिए नाराज होने का और फ्रांस के लाखों लोगों की हत्या करने का अधिकार है।’’

ये भी पढ़ें- कमलनाथ पर निर्वाचन आयोग की कार्रवाई को सांसद विवेक तन्खा ने

ट्विटर ने महातिर की टिप्पणी वाला ट्वीट हटा दिया और कहा कि यह हिंसा को महिमामंडित करता है। फ्रांस के डिजिटल मंत्री ने कंपनी से उसके प्लेटफॉर्म पर महातिर पर पाबंदी लगाने का भी अनुरोध किया है।

महातिर ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं अपने ब्लॉग में लिखी गयी मेरी बात का गलत अर्थ निकाले जाने से निराश हुआ हूं।’’

उन्होंने कहा कि आलोचकों ने उनका पूरा पोस्ट नहीं पढ़ा और उस वाक्य को नहीं पढ़ा जिसमें लिखा था, ‘‘लेकिन कुल मिलाकर मुस्लिमों ने ‘आंख के बदले आंख लेने’ वाले कानून को लागू नहीं किया है। फ्रांसीसियों को भी नहीं करना चाहिए। इसके बजाय उन्हें अपनी जनता को दूसरे लोगों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाना चाहिए।’’

महातिर ने कहा कि उनके स्पष्टीकरण के बाद भी ट्विटर और फेसबुक ने

उनकी टिप्पणियों को हटा लिया। उन्होंने इस कदम को आडंबरपूर्ण बताया।

ये भी पढ़ें-  BJP प्रत्याशी प्रद्युम्न लोधी की बिगड़ी तबीयत, गंभीर हालत में चिरायु हॉस्पिटल में हुए भर्ती

उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के अपमानजनक कार्टून दिखाने वालों का बचाव किया और उम्मीद करते हैं कि सारे मुसलमान बोलने तथा अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर आंख मूंदकर इसे स्वीकार कर लें।’’

महातिर ने कहा, ‘‘दूसरी तरफ उन्होंने इस बात को जानबूझकर हटा लिया कि मुस्लिमों ने अतीत में उनके खिलाफ अन्याय का बदला लेने की बात कभी नहीं की।’’