नयी दिल्ली, दो नवम्बर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और चार राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर पूछा कि क्या जन स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के हित में सात से 30 नवम्बर तक पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, दिल्ली के पुलिस आयुक्त और दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों से उनका जवाब मांगा।
अधिकरण ने वरिष्ठ अधिवक्ता राज पंजवानी और अधिवक्ता शिभानी घोष को इस मामले में न्याय मित्र के रूप में नियुक्त किया।
अधिकरण ‘इंडियन सोशल रिस्पांसिबिलिटी नेटवर्क’ द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका संतोष गुप्ता के जरिये दाखिल की गई थी। याचिका में एनसीआर में पटाखों का इस्तेमाल कर प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया गया है।
इसमें कहा गया है, ‘‘बढ़ता प्रदूषण संवेदनशील समूह के लोगों को प्रभावित कर सकता है और मृत्यु दर बढ़ने की आशंका है। दिल्ली में कोविड-19 के मामलों की संख्या 15 हजार प्रतिदिन होने की आशंका है और वर्तमान में मामलों की संख्या लगभग पांच हजार प्रतिदिन है।’’
याचिका में कहा गया है, ‘‘हरित पटाखों के इस्तेमाल से स्थिति का समाधान नहीं होगा। धुआं फैल जाएगा और गैस चैंबर जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। इससे दृश्यता का स्तर खराब होगा और दम घुटने जैसी स्थिति पैदा हो जायेगी।’’
भाषा
देवेंद्र दिलीप
दिलीप
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