नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ यहां हुए प्रदर्शनों के दौरान देश में कथित रूप से आतंकवादी हमले की साजिश रचने के मामले में एक कश्मीरी महिला की जमानत अर्जी का दिल्ली की एक अदालत में विरोध किया।
एनआईए ने अदालत में कहा कि आईएसआईएस से कथित संपर्क के मामले में पिछले साल अपने पति जहांजैब सामी और एक अन्य आरोपी अब्दुल बासित के साथ गिरफ्तार की गयी हिना बशीर बेग ने मुसलमानों को गैर-मुस्लिमों के खिलाफ उकसाया था और देश के खिलाफ ‘विद्रोह को उकसाया’ था।
एजेंसी ने दावा किया कि आरोपी इस्लामिक स्टेट की विचारधारा को बढ़ावा दे रही थी और सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों को उकसा रही थी।
एनआईए ने आरोप लगाया कि वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) की विचारधारा से प्रेरित हैं और इसी संगठन से जुड़े अन्य प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) के लिए काम कर रहे थे।
उसने अपने जवाब में कहा, ‘‘आरोपियों ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस और आईएसकेपी की विचारधारा को बढ़ाने, भारत सरकार के प्रति विद्रोह को उकसाने, भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिए खिलाफत स्थापित करने तथा भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के लिए भारत तथा विदेशों में अपने अन्य ज्ञात एवं अज्ञात साथियों के साथ आपराधिक साजिश रची।’’
एनआईए ने कहा कि आरोपी हथियार और विस्फोटक खरीदने, आईईडी बनाने की कोशिश कर रहे थे तथा लोगों को मारने की साजिश रच रहे थे। एजेंसी के 18 जून को दाखिल जवाब के अनुसार, ‘‘वे सीएए-विरोधी प्रदर्शन का इस्तेमाल भारत में मुसलमानों को गैर-मुस्लिमों के खिलाफ आईएसआईएस में शामिल करने के लिहाज से उकसाने के लिए कर रहे थे।’’
उसने कहा, ‘‘याची आरोपी हिना बशीर बेग सुरक्षित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर समान विचार वाले लोगों को खोजने का काम करती थी और इस बारे में जानकारी अपने पति तथा सह-आरोपी जहांजैब सामी को देती थी ताकि उनके मन को प्रभावित कर आईएसकेपी में भर्ती करने के लिए उकसाया जा सके।’’
एनआईए ने कहा, ‘‘हिना बशीर बेग के पास न केवल आईएसआईएस के साहित्य और वीडियो मिले बल्कि उसने गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए साजिश भी रची।’’
उसने दावा किया कि महिला ने सह-आरोपियों सामी तथा नबील सिद्दीक खत्री के साथ माचिस की तीलियों के बारूद, टेप, टॉय कार के रिमोट आदि का इस्तेमाल कर पुणे में अपने किराये के घर पर बतौर परीक्षण विस्फोट भी करके देखा।
इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) से कथित संबंधों के मामले में तीनों आरोपियों को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किया था और वे अभी न्यायिक हिरासत में हैं। मामले पर सितंबर में सुनवाई होगी।
मामला बाद में एनआईए को हस्तांतरित कर दिया गया।
भाषा वैभव दिलीप
दिलीप
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